Waqf Bill : वक्फ बोर्ड विधेयक मामले में आमने सामने आये मुस्लिम धर्म गुरु, नहीं मिल रहे आपसी विचार 

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वक्फ बोर्ड विधेयक : केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति को सुरक्षित रखने के लिए वक्फ बोर्ड विधेयक पेश किया गया है। लोकसभा में बहस के बाद बिल को संयुक्त संसदीय कमेटी को भेज दिया है। जिसके बाद मुस्लिम धर्मगुरु आमने-सामने हो गए हैं। जहां सुन्नी धर्मगुरु और जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ बोर्ड विधेयक मामले में सरकार की नीयत पर सवाल उठाये हैं वहीं शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने इसको सरकार की यह अच्छी पहल बताया है।

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उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन का मालिक नहीं है, बल्कि केवल उसका केयरटेकर है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सरकार की ठीक नहीं लग रही। सरकार मुस्लिमों की अरबों रूपये की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। मुसलमान हर नुकसान सह सकता है, लेकिन शरीयत में कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा। Waqf Bill

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जमीयत उलेमा ए हिन्द अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर कहा कि सरकार वक्फ की संपत्तियों के स्वभाव को विधेयक में संशोधन लाकर बदलना चाहती है जिससे वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियो आसानी से कब्जा कब्जा किया जा सके। बिल अगर पास हुआ तो वक्फ ट्रिब्यूनल खत्म करके अधिकार कलेक्टर के पास चले जाएंगे। इससे देश की न्यायिक स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी। कलेक्टर राज शुरू हो जाएगा। Waqf Bill

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मौलाना अरशद मदनी का कहना है कि “सरकार का दावा कि वक्फ से मिलने वाले पैसे को मुस्लिमों में बांटा जाएगा। सरकार का यह फैसला धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप है। जो मुसलमानों को स्वीकार नहीं। ये हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं। बल्कि देश के संविधान, नियम और धर्मनिरपेक्षता का मुद्दा है। जब से ये सरकार आई है। अलग-अलग बहानों से मुस्लिमों को अराजकता और भय में रखने के लिए नए कानून ला रही है। ये हमारे धार्मिक मामलों में खुला हस्तक्षेप है। मुसलमानों ने जो वक्फ किया है और जिस उद्देश्य से वक्फ किया है। कोई भी वक्फकर्ता की इच्छा के खिलाफ इस्तेमाल नहीं कर सकता है क्योंकि यह संपत्ति अल्लाह को समर्पित होती है।” Waqf Bill

जमीयत उलेमा ए हिन्द अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि “चाहे UCC हो या फिर तीन तलाक हो, गुजारा भत्ता का मसला हो सरकार ने उसमे भी दखलंदाजी की है। हमें ऐसा कोई संशोधन स्वीकार नहीं, जो वक्फ कर्ता की इच्छा के विपरीत हो। जमीयत उलमा-ए-हिंद यह स्पष्ट कर देना चाहती है कि वक्फ एक्ट 2013 में कोई ऐसा परिवर्तन जिससे वक्फ संपत्तियों की स्थिति या स्वभाव बदल जाए या कमजोर हो जाए यह हमें स्वीकार नहीं।” Waqf Bill

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वहीं जौनपुर में आयोजित एक मजलिस में शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि “वक्फ बोर्ड की जमीनों को लेकर मीडिया और सरकार द्वारा भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। मौलाना कल्बे जवाद का साफ कहना है कि वक्फ बोर्ड की कोई जमीन नहीं है। यह सारी जमीनें मुसलमानों ने धार्मिक और नेक कामों के लिए दान दी हैं। ये दान आज से नहीं, बल्कि डेढ़ सौ साल पहले से चले आ रहे हैं और वक्फ बोर्ड सिर्फ इनकी देखभाल करने वाला है।” Waqf Bill

मद्रास के एक मंदिर का जिक्र करते हुए कल्बे जवाद ने कहा कि “करीब 15 साल पहले वहां लोग हाथी दान दिया करते थे। जिसके चलते मंदिर के पास 500 हाथी इकट्ठे हो गए थे ऐसे में क्या हाथी मंदिर की मिल्कियत हो गए। लोगों ने दान दिया है। वक़्फ़ बोर्ड शरीयत का मामला है। जैसे निकाह के लिए गवर्नमेंट ऐलान कर दें कि निकाह हमारा आदमी पढ़ेगा, क्या यह संभव हो सकता है। वह एक शरीयत के तहत कानून है। अगर गवर्नमेंट इसमें सुधार करती है। हम यह देखेंगे कि इसमें गवर्नमेंट क्या सुधार कर रही है। कहीं इसमें हमें नुकसान तो नहीं पहुंच रहा है।” Waqf Bill

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