वाराणसी : वाराणसी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। एक विवाहिता ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। चौखंडी स्टेशन पर दो मासूम बच्चों के साथ महाकाल एक्सप्रेस के आगे कूदकर विवाहिता द्वारा जान देने की घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। मंगलवार को हुई इस घटना की वजह चौंकाने वाली थी। महिला दो दिन से भूखी थी, उसने पड़ोसी से एक किलो आटा मांग रोटीबना कर खाई तो उसके ससुराल वालों ने उसे न सिर्फ चरित्रहीन कहा बल्कि जमार पिटाई कर दी। जिससे आहत होकर आत्मघाती कदम उठाया है। मां और दोनों बच्चों के क्षत-विक्षत शव देख लोग सहम गए।

आपको बता दें कि थाना जंसा इलाके के भदैया हाथी गांव निवासी अंगद पटेल की 30 वर्षीय बेटी मीनू की शादी सात साल पहले हरसोस गांव निवासी विकास पटेल से हुई थी। शादी के बाद मीनू के दो बेटे विपुल और विप्लव हुए थे। विकास सूरत में रहकर एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। मीनू के भाई कमलेश ने पुलिस को बताया कि विकास अपनी मीनू पर शक करता था। इसको लेकर वह अक्सर मीनू को फोन कर प्रताड़ित करता रहता था। विकास मीनू और उसके दोनों बच्चों के भरण-पोषण में कोई मदद भी नहीं करता था। ससुराल के अन्य लोग भी मीनू को प्रताड़ित करते थे।
मंगलवार की सुबह सास, ससुर और ननद ने मीनू को मारपीट कर घर से निकाल दिया। इससे परेशान होकर उसने जंसा थाने में शिकायत की। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर मीनू को घर भेज दिया। जब वह घर पहुंची तो ससुराल के लोगों ने उसका कमरा बंद कर दिया और घर में घुसने नहीं दिया। मीनू ने जब इसकी जानकारी अपने पति विकास को दी तो उसने भी मदद करने से मना कर दिया। सूचना मिलने पर जब मीनू के मायके से लोग वहां पहुंचे तो ससुराल पक्ष के लोगों ने उन्हें गाली-गलौज कर भगा दिया। परेशान मीनू को कुछ नहीं सूझा तो उसने अपने दो बच्चों के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।
इस मामले में कमलेश की तहरीर पर सास सुदामा देवी, ससुर लोदी पटेल, ननद रेशमा और पति विकास के खिलाफ जंसा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने सास, ससुर और ननद को हिरासत में ले लिया है। जंसा एसएचओ दुर्गा सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। हरसोस गांव के ग्रामीणों ने बताया कि सास, ससुर और ननद की प्रताड़ना से तंग आकर मीनू जंसा थाने की महिला हेल्पडेस्क पर शिकायत करने गई थी। पुलिस ने इसे घरेलू विवाद माना और कार्रवाई का आश्वासन देकर उसे घर भेज दिया। काश पुलिस मौके पर जाती या सास-ससुर को थाने बुलाकर समझाती तो शायद मीनू अपने दो मासूम बच्चों के साथ आत्महत्या नहीं करती। Varanasi News
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