किसान और पांखड : आज तक किसान और खास तौर पर जाट समुदाय खेतीबाड़ी में लगा रहता था, जो उनकी आर्थिकी और खाद्य आपूर्ति का मुख्य प्राकृतिक स्रोत है। आज जाट समुदाय के अधिकांश लोग खेतीबाड़ी छोड़ रहे हैं, जो घाटे का सौदा है! वे धार्मिक पाखंड और आडंबर में उलझते जा रहे हैं। इतना ही नहीं, आजकल जाट समुदाय के कुछ लोग धार्मिक पाखंड में गले तक डूब चुके हैं, यहां तक कि आडंबरी पंडित और पुजारी भी पीछे छूट गए हैं। दरअसल, पाखंड में गले तक डूबने का…