Strong Victory Pitch For BJP In 2024 : 2024 में भाजपा के लिए हुई मजबूत जीत की पिच, तीन राज्यों में जीत के बाद फाइनल की बढ़ी उम्मीद

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Strong Victory Pitch For BJP In 2024 : 2024 में भाजपा के लिए हुई मजबूत जीत की पिच, तीन राज्यों में जीत के बाद फाइनल की बढ़ी उम्मीद 

Published By Roshan Lal Saini

Strong Victory Pitch For BJP In 2024 : हाल ही में हुए पांच राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में से तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल करके भारतीय जनता पार्टी ने ये दिखा दिया है कि वो राजनीति की कच्ची गोलियां नहीं खेलती, बल्कि अंदर से इस प्रकार से मजबूती से काम करती है कि उसकी रणनीति को हर कोई नहीं जान पाता। हालांकि कांग्रेस को भी एक नया राज्य तेलंगाना सत्ता चलाने के लिए मिला है, लेकिन सत्ता वाले दो राज्य गंवाकर। इसका मतलब सीधा-सीधा यही है कि कांग्रेस को यह बड़ा और एक ऐसा नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई तो दूर, कीमत उसे कई तरह से आगामी चुनावों में चुकानी पड़ सकती है।

Strong Victory Pitch For BJP In 2024
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने जिस प्रकार से पूरा का पूरा फोकस हिंदी पट्टी यानि उत्तर भारत पर किया और दक्षिण में उतनी मेहनत नहीं की, उसकी वजह यही है कि भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज यानि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य जानते हैं कि अगर वो उत्तर भारत में कमजोर हुए, तो फिर 2024 के चुनावों में केंद्र की सत्ता में आना उनके लिए मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन भी हो सकता है। इसलिए उन्होंने अपना 101 फीसदी फोकस इन तीन राज्यों पर किया, जिन्हें जीतने का मतलब है, जनता में एक ऐसा संदेश जाना कि अब हर हाल में 2024 के चुनाव भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में होंगे ही होंगे। और ये संदेश भारतीय जनता पार्टी ने दे दिया है। Strong Victory Pitch For BJP In 2024

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बहरहाल, अब पूरे देश में इस बात की चर्चा है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी में ऐसा कौन सा जादू है, जो लोगों को सिर चढ़कर बोल रहा है। दरअसल, गुजरात की जोड़ी ने, जिसे हम हिंदुस्तान की राजनीति की सबसे मजबूत जोड़ी कह सकते हैं, ने कई मुद्दों पर जमीनी स्तर पर जिस तरीके का काम किया है, वो लोगों को एक बार फिर इन जोड़ी पर भरोसा जताने के लिए शायद मजबूर कर गए। इसमें कई कार्ड हैं, जिनमें अगर हम कुछ बड़े कार्डों की बात करें, तो पहला और सबसे बड़ा कार्ड है हिंदुत्व का कार्ड, जिसके तहत न सिर्फ हिंदू वोटरों को एकजुट करने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी की है, बल्कि केंद्र की इस जोड़ी ने कई तीर्थ स्थानों का निर्माण कराकर लोगों को ये संदेश दिया है कि वो हिंदू तीर्थों का देश हिंदुस्तान को फिर से बनाकर रहेंगें।

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दूसरा मध्य प्रदेश की लाडली योजना, जिसे भारतीय जनता पार्टी की भावी राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारें भी लागू कर सकती हैं। तीसरा बड़ा कार्ड भारतीय जनता पार्टी ने जो खेला, वो है देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने 5 किलो राशन अगले पांच सालों के लिए देना। और चौथा बड़ा कार्ड जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे बेहतर खेलना जानते हैं, वो है इमोशनल कार्ड, जिसका इस्तेमाल वो 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले से लगातार करते आ रहे हैं। दरअसल, उन्होंने जिस प्रकार से मध्य प्रदेश की जनता के नाम वोटिंग से पहले पत्र लिखा था, उसका असर कहीं न कहीं काफी हुआ है। इसके अलावा वो लगातार चुनावी सभाएं और रैलियां हर राज्य में करते रहे, जिसमें उनके वादे, उनकी बातें और उनकी जनता से अपील लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती रही। हालांकि कुछ लोग अब भी ईवीएम हैकिंग और गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं, लेकिन ऐसे लोगों को यह समझना होगा कि न तो विपक्ष ईवीएम पर कुछ बोलने की स्थिति में हैं और न ही ईवीएम को लेकर अब उतने सवाल उठते हैं, जितने कि 2015 के बाद 2021 तक उठे थे। लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस को अब अपने अंदर मंथन करने के साथ-साथ अभी कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। Strong Victory Pitch For BJP In 2024

क्योंकि उसका जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी वाला कार्ड इस बार काम नहीं कर सका, दूसरा कुछ ऐसे छोटे दल, जो कि भारतीय जनता पार्टी के नहीं, बल्कि कांग्रेस का ही वोट काटने का काम करते हैं, अब हर राज्य में छोटे से बड़ा चुनाव तक लड़ने लगे हैं, जो कि भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं। इसके अलावा कांग्रेस को हिंदी इलाकों वाले तीनों राज्यों में, जहां पर दो में तो उसी की सरकार थी, ओवर कॉन्फिडेंस मार गया, जहां उसे पूरा भरोसा था कि उसकी जीत तय है। यहां एक सीख कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को और लेने की जरूरत है कि चुनाव कोई भी हो, लेकिन उसकी पूरी जिम्मेदारी सिर्फ राज्य के ही नेताओं पर नहीं डाल देनी चाहिए, चाहे वो मुख्यमंत्री के पद पर ही क्यों न हों। इसके अलावा कांग्रेस को ये भी भूल खा गई कि उसने सिर्फ उन लोगों की ओर देखा, जो भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बोल रहे थे, जबकि उसे उन लोगों को भी देखना चाहिए था, जो कांग्रेस के खिलाफ हो चुके हैं। वैसे भी कहा जाता है कि वोटर का मन और मौसम बदलने की कोई गारंटी नहीं दे सकता। वोटरों का मन रातोंरात बदल जाता है और ज्यादातर वोटरों का मन तो वोटिंग की लाइन में लगे-लगे ही बदल जाता है। Strong Victory Pitch For BJP In 2024

अभी 2024 के लोकसभा चुनाव के होने में तकरीबन चार महीने का वक्त है और मेरे ख्याल से भारतीय जनता पार्टी इन मुख्य चुनावों की तैयारी में तकरीबन एक-डेढ़ साल से लगी है। लेकिन कांग्रेस कुछ विपक्षी और केंद्र की सत्ता से नाराज पार्टियों का गुट बनाकर लोगों की केंद्र सरकार के प्रति बढ़ती नाराजगी से ही ये समझ बैठी है कि वो अब केंद्र की सत्ता का तख्तापलट कर देगी, तो मुझे लगता है कि ये उसकी बड़ी भूल है। उसे इसके लिए जमीन पर उतरकर अभी बहुत मेहनत करनी होगी और कांग्रेस के साथ-साथ दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेताओं को अभी हर वोटर तक एक विश्वास के साथ पहुंचना होगा कि वो उनके हित में काम करने के लिए तैयार ही नहीं हैं, बल्कि कर भी रहे हैं। क्योंकि वोटर सिर्फ आरक्षण और वादों पर नहीं टिकते, बल्कि उन्हें तत्काल फायदा जहां से मिलता है, वो उधर चले जाते हैं, फिर चाहे अगले पांच साल कोई विकास हो या न हो। Strong Victory Pitch For BJP In 2024

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मौजूदा हालात पर मुझे यहां एक कहानी याद आ रही है कि जब हिटलर एक बार अपनी संसद में पहुंचा, तो उसके हाथ में एक मुर्गा था, जिसके वो पंख नोंच-नोंच कर सदन में घूमता रहा और जब-जब वो मुर्गे के पंख नोच रहा था, तब-तब मुर्गा बुरी तरह चिल्ला रहा था। पूरा सदन हैरान था कि हिटलर को ये क्या हो गया है। जब हिटलर ने मुर्गे के सारे पंख नोच लिए और वो लहू-लुहान लगभग मरने की स्थिति में था, तब हिटलर ने उस मुर्गे को जमीन पर छोड़ दिया और अपनी जेब से अनाज के दाने डालने लगा और आगे बढ़ने लगा। Strong Victory Pitch For BJP In 2024

हैरत की बात ये हुई कि जिस मुर्गे के वो अब तक बुरी तरह पंख नोच रहा था और मुर्गा दर्द से चिल्ला रहा था, वही मुर्गा अब एक-एक दाना चुंगते हुए हिटलर के पीछे-पीछे चल रहा था। तब हिटलर ने कहा कि देखो, जनता भी इसी मुर्गे की तरह होती है, जिसके आप पंख नोचते रहो, लेकिन उसके बाद कुछ दाने डालते रहो, वो आपके पीछे-पीछे चलने लगेगी। मैं यह नहीं कह रहा कि भारतीय जनता पार्टी ऐसा कुछ कर रही है, लेकिन जनता के एक बड़े तबके को मैं एक मुर्गे से ज्यादा भी नहीं देख पाता हूं, जिसके मुफ्त में कुछ भी मिलने लगे, तो वो अपना वोट किसी को भी देने को तैयार हो जाती है। बिल्कुल हिटलर के मुर्गे की तरह। इसके अलावा एक और मुद्दा जो जनता को अपनी ओर खींचता है, और वो है धर्म का मुद्दा। इसके अलावा अशिक्षा और रोटी की चिंता में लगा देश का एक बड़ा तबका राजनीति के अच्छे-बुरे से कोई ज्यादा मतलब नहीं रखता, क्योंकि उसे हर रोज कमाना है और हर रोज खाना है और इसी में उसकी पूरी जिंदगी खत्म हो जाती है। Strong Victory Pitch For BJP In 2024

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बहरहाल, तीन बड़े राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की बड़े बहुमत से जीत से लगता है कि साल 2019  में 303 सीटें जीतकर केंद्र की सत्ता में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पहुंचने वाले नरेंद्र मोदी, आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में और भी बड़ी जीत हासिल करके तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर एक इतिहास रच सकते हैं। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य भी यही है और कई बड़े नेता इस बात को कह भी चुके हैं कि साल 2024 में भारतीय जनता पार्टी 400 से ज्यादा सीटें जीतकर केंद्र में सरकार बनाएगी। अब देखना होगा कि क्या भारतीय जनता पार्टी का ये सपना पूरा हो सकेगा? Strong Victory Pitch For BJP In 2024

(लेखक ‘दैनिक भास्कर’ के राजनीतिक संपादक हैं)

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