सपा सांसद इक़रा हसन का बड़ा बयान, बोली – संविधान को चलाने वाले लोग अच्छे नही, बाबा साहब के अपमान का लगाया आरोप – MP Iqra Hasan

Big statement of SP MP Iqra Hasan
शामली : विदेश से पढ़ाई कर लौटी और राजनीति के जरिए सुर्खियों में आईं उत्तर प्रदेश के कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन एक बार फिर अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के मौके पर कैराना लोकसभा सांसद इकरा हसन ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है जहां इकरा कस्बा थानाभवन के गांव रसीदगढ़ पहुंचीं। उन्होंने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लोगों को भाईचारे का संदेश दिया और विपक्ष पर संविधान को सही तरीके से न चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग लगातार संविधान की धज्जियां उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं और इस बार संसद में भी बाबा साहब का अपमान किया गया।
Big statement of SP MP Iqra Hasan
आपको बता दें कि सविंधान रचयिता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के मौके पर कैराना लोकसभा सांसद इकरा हसन मंगलवार को कस्बा थानाभवन के गांव रसीदगढ़ पहुंचीं थी। जहां उन्होंने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को लेकर मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है। सांसद इकरा हसन ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए किसी त्यौहार से कम नहीं है। क्योंकि यह हमारे संविधान निर्माता और सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले योद्धा हमारे डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती है। यह हमारे लिए त्यौहार की तरह है। इस दिन उनकी शिक्षाओं को याद करते हुए सभी को भाईचारे और समानता के संदेश के साथ आगे बढ़ना है।
सांसद इकरा हसन ने भाजपा नेताओं और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग हर दिन संविधान की धज्जियां उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं।  इस बार संसद में भी बाबा साहब का अपमान किया गया है। हमें ध्यान रखना होगा कि कौन अपमान कर रहा है और कौन हमारे साथ हमारे अधिकारों के लिए लड़ रहा है। क्योंकि बाबा साहब ने खुद कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसे चलाने वाले लोग अच्छे नहीं हैं, तो वह ठीक से काम नहीं करेगा और संविधान कितना भी खराब क्यों न हो, अगर उसे चलाने वाले लोग अच्छे हैं, तो वह ठीक से काम करेगा।
आज हमारे देश में हमारा शोषण हो रहा है और हम जो समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उसका कारण यह है कि संविधान चलाने वाले साफ दिल के लोग नहीं हैं। संविधान हमारे अधिकारों का स्रोत है। यह हमारे लिए एक उपहार है। जिसके बलबूते पर आप और हम आज भी सिर ऊंचा करके जी सकते हैं। हमें उस संविधान की छत्रछाया में चलना है। हमें प्रयास करना है कि उसे चलाने वाले भी बेहतर हों। इसलिए आप सभी को मिलजुल कर रहना चाहिए और बाबा साहब की सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
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