पेरिस ओलंपिक : मनु भाकर, भारत की प्रतिभाशाली निशानेबाज, पेरिस ओलंपिक में 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पदक जीतने से बेहद करीब पहुंच गई थीं, लेकिन अंततः चौथे स्थान पर रह गईं। यह एक बेहद निराशाजनक परिणाम है, खासकर जब वे मेडल की हैट्रिक लगाने के इतने करीब थीं।
क्या हुआ था?
- तीन सीरीज के बाद एलिमिनेशन: स्पर्धा के शुरुआती तीन सीरीज के बाद, एलिमिनेशन दौर शुरू हो गया, जिसने प्रतिस्पर्धा को और अधिक तीव्र बना दिया।
- आठवीं सीरीज का नाटकीय मुकाबला: आठवीं सीरीज में मनु और हंगरी की वेरोनिका मेजर के बीच एक कांटे की टक्कर देखने को मिली। मनु ने तीन शॉट चूक गए, जबकि वेरोनिका ने दो शॉट मिस किए। इसी सीरीज में वेरोनिका मनु से आगे निकल गईं और अंततः कांस्य पदक जीत लिया।
- फाइनल में दक्षिण कोरिया और फ्रांस का वर्चस्व: फाइनल में दक्षिण कोरिया की जिन यांग और फ्रांस की कैमिली के बीच एक रोमांचक मुकाबला हुआ। दोनों ने 10 सीरीज के बाद 37-37 का स्कोर बनाया, जिसके बाद शूटआउट हुआ। इस शूटआउट में जिन ने चार शॉट्स निशाने पर लगाए, जबकि कैमिली का सिर्फ एक शॉट निशाने पर लगा। इस तरह जिन ने स्वर्ण और कैमिली ने रजत पदक जीता।
एक ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी मनु भाकर, मिश्रित टीम स्पर्धा में जीता कांस्य पदक
मनु भाकर की यात्रा:
- मनु भाकर ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय निशानेबाजी में एक नया अध्याय लिखा है। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और कई पदक जीते हैं। पेरिस ओलंपिक में उनसे काफी उम्मीदें थीं और वे मेडल की हैट्रिक लगाने की दौड़ में थीं।
क्या हुआ गलत?
- यह कहना मुश्किल है कि मनु भाकर पदक क्यों नहीं जीत पाईं। निशानेबाजी एक ऐसा खेल है जिसमें बहुत सारे कारक होते हैं जो प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि दबाव, थकान, और तकनीकी खामियां। हो सकता है कि आठवीं सीरीज में मनु थोड़ी नर्वस हो गई हों या फिर उनकी तकनीक में थोड़ी सी गड़बड़ी हो गई हो।
नन्हे चैम्पियन ने भरी उड़ान, 10 साल छात्र ने स्टेट चैंपियनशिप में जीता गोल्ड, नेशनल टीम में हुआ चयन
आगे का रास्ता:
- मनु भाकर के लिए यह एक कठिन समय है, लेकिन उन्हें हार नहीं माननी चाहिए। उन्हें इस हार से सीख लेनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। उनके पास अभी भी कई और मौके हैं और वे भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकती हैं।
हम क्या सीख सकते हैं?
- मनु भाकर की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में असफलताएं आम हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि हम इन असफलताओं से कैसे उबरते हैं। हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए।
हरियाणा की मनु भाकर ने देश के लिए जीता पहला मैडल, 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में कांस्य पर लगाया निशाना
नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया News 14 Today के Facebook पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें...