Published By Roshan Lal Saini
Loksabha Chunav 2024 : लोकसभा चुनाव होने में कुछ ही दिन बचे हैं, जिसके चलते पूरे देश में इस बात की चर्चा है कि क्या भाजपा नेताओं के 400 पार के दावे के आंकड़े को इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी छू पाएगी? ये सवाल इसलिए कि एक तरफ भाजपा के बड़ी जीत के दावे हैं, तो दूसरी तरफ देश भर में उसके विरोध की आंधी तेज होती जा रही है।
हालांकि भाजपा के साथ गठबंधन वाली सभी पार्टियां भले ही इस बात से निश्चिंत हों कि जहां से भी उन्हें टिकत मिलेंगें, उनकी जीत भी पक्की है, और तीसरी बार भी सत्ता की मलाई खाने को उन्हें मिलेगी, और इस खुशी में एनडीए में शामिल सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में लगी हुई हैं। Loksabha Chunav 2024
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लेकिन दूसरी ओर सभी विपक्षी पार्टियां भी लोकसभा चुनाव तैयारी में लग चुकी हैं, लेकिन उनकी तैयारी चुनाव जीतने के लिहाज से तो कम है ही, उनके कई नेता भी दूसरी पार्टियों, खास तौर पर भाजपा में जा रहे हैं। दल-बदलुओं की चुनाव से ऐन वक्त पहले ये भगदड़ इस बात को दर्शाती है कि उन्हें भी अब भाजपा की सरकार के तीसरी बार केंद्र में आने की आहट महसूस हो रही है और वो केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी और केंद्र सरकार के प्रकोप से बचने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। Loksabha Chunav 2024
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हालांकि दूसरी तरफ तस्वीर इसके उलट है, और वो ये है कि भाजपा इस बार अपने जिन नेताओं के टिकट काट रही है, उनमें से भी कुछ दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं, इसका एक उदाहरण तो वरुण गांधी हैं, जिनके सपा के टिकट पर पीलीभीत से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है। लेकिन कुछ भाजपा नेता डरे हुए हैं और टिकट न मिलने पर भी खामोश हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर वो किसी विपक्षी पार्टी में गए, तो उनके साथ भी वही होगा, जो विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ हो रहा है। Loksabha Chunav 2024
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बहरहाल, उत्तर प्रदेश में पार्टियों में दल-बदल का सिलसिला तेजी से चल रहा है। विपक्षी दलों के कई नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं और भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। पिछले दिनों करीब 2 सौ से ज्यादा छोटे-बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए थे। उस समय भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा था कि भाजपा का कारवां लगातार बढ़ रहा है, भाजपा में आने वाले विपक्षी नेता विकास के लिए लोग मोदी जी के साथ हैं। सपा हो, बसपा हो, कांग्रेस हो सब जगह भगदड़ मची है और इससे पता चलता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें भाजपा जीतेगी। Loksabha Chunav 2024
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दरअसल, बसपा, सपा और कांग्रेस के नेताओं के भाजपा में शामिल होने की मुहिम के पीछे कई वजहें हैं। राजनीति के कुछ जानकार कहते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार के इशारे पर ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी और मोटी रकम का लालच के चलते विपक्षी पार्टियों के कद्दावर नेता भाजपा में जा रहे हैं। कोई मुसीबत मोल लेकर अपना राजनीतिक करियर चौपट नहीं करना चाहता।
वहीं कुछ जानकार ये मान रहे हैं कि भाजपा की जीत के आसार देखकर विपक्षी नेता उसमें शामिल हो रहे हैं, क्योंकि जिन नेताओं ने सत्ता का स्वाद चख रखा है, वो बहुत दिनों तक सत्ता से दूर नहीं रह सकते, और वैसे भी सत्ता से दूर रहकर सर्वाइव करना मुश्किल हो जाता है। Loksabha Chunav 2024
बहरहाल, रालोद के एनडीए में शामिल होने के बाद, उत्तर प्रदेश में भाजपा में जाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है और ये सिलसिला अभी भी जारी है। दरअसल, भाजपा का ये मानना है कि विपक्षी कद्दावर नेताओं को तोड़कर अपने साथ लाने से वो प्रदेश की 80 सीटों पर अपनी दावेदारी मजबूत कर सकती है, क्योंकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उसने विपक्षी पार्टियों की परवाह किए बगैर जब भाजपा ने अपने कुछ पुरानी सहयोगी पार्टियों के दम पर जोरआजमाइश की थी, तो उसके हाथ महज 64 सीटें ही लगीं। Loksabha Chunav 2024
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जबकि उससे पहले साल 2014 में मोदी की लहर में गुजरात मॉडल के नाम पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों की झोली में 73 सीटें आई थीं। अब हालात पहले से भी नाजुक हैं और भाजपा को ये साफ नजर आ रहा है कि अगर इस बार साम, दाम, दंड और भेद के सभी हथकंडे उसने नहीं अपनाए, तो उसकी सीटों का ग्राफ और भी गिर सकता है और अगर ऐसा हुआ, तो भाजपा को इससे एक बड़ा झटका लगेगा और उसका 400 पार का सपना किसी भी हाल में पूरा नहीं हो सकेगा। Loksabha Chunav 2024
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इसलिए भाजपा के आलाकमान ने उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार से नाराज चल रहे अपनी सहयोगी पार्टियों के नेताओं को भी साधना शुरू कर दिया है और इसी के चलते सुभासपा के राजभर और सपा से भाजपा में वापसी करने वाले दारा सिहं को मंत्री पदों से नवाजा जा चुका है। दूसरी तरफ भाजपा ने टिकट बांटने के सिलसिले में 44 वर्तमान सांसदों समेत 51 टिकट बांट भी दिए हैं। और हैरानी की बात है कि उसने इस बार रामायण के कलाकार अरुण गोविल, जो राम बने थे, से लेकर कुमार विश्वास जैसे लोगों को भी टिकट देने की तैयारी है। Loksabha Chunav 2024
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बहरहाल, विपक्षी पार्टियों से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट लंबी होती जा रही है। एनआरएचएम घोटाले के आरोपी और मायावती सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री अनंत मिश्र उर्फ अंटू भाजपा में गए हैं, बसपा सरकार में ही राज्य मंत्री रहे सिद्ध गोपाल साहू और राज्य मंत्री रहे अच्छेलाल निषाद और बसपा में पूर्व विधायक रहीं डा. हाफिज इरशाद भी भाजपा में जा चुकी हैं। वहीं बसपा ने अभी तक टिकट देने की मुहिम इतनी कम रखी हुई है कि अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बावजूद अभी तक महज 41 टिकटों की घोषणा ही की है। Loksabha Chunav 2024
सपा की बात करें, तो उसके पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मधुसूधन शर्मा, जो बसपा से सपा में गए थे, भाजपा में शामिल हो गए। इसके अलावा सपा के नेता महेन्द्र नाथ राय, सपा नेता और पूर्व एमएलसी श्याम सुंदर सिंह, सपा प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके बिपिन कुमार शुक्ला, सपा से पूर्व विधायक / पूर्व जिलाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लाल सिंह लोधी भी अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं, कांग्रेस नेता अजय कपूर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। Loksabha Chunav 2024
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बहरहाल, देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा किस हद तक अपने लक्ष्य को पा सकेगी और विपक्षी पार्टियां, जिनमें इंडिया गठबंधन प्रमुख है, कहां तक भाजपा को हराने की मुहिम में सफल हो सकेगा, ये सब आने वाला वक्त तय करेगा। फिलहाल तो सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं और जानकार अपना चुनावी गणित लगा रहे हैं। दल-बदल का सिलसिला चल रहा है और यह कहां पर जाकर रुकेगा, ये नहीं कहा जा सकता, क्योंकि कई बार सत्ता तक पहुंचने वाली पार्टी में दूसरी पार्टियों के जीते हुए उम्मीदवार भी चले जाते हैं। Loksabha Chunav 2024
( लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)