सहारनपुर : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह बुधवार को सहारनपुर में थे जहां उन्होंने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर न सिर्फ संविधान रचयिता डॉ भीम राव अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया वहीं दलित समाज की अनदेखी का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने बाबा साहब की आधी तस्वीर काट कर उसकी जगह अपनी तस्वीर लगाकर दलित समाज को बताना चाहते हैं कि अखिलेश यादव बाबा साहब के बराबर हैं। बाबा साहब का यह अपमान किसी भी सुरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। डॉ भीम राव अंबेडकर जी के चेहरे के साथ अपने चेहरे को जोड़कर समाजवादी पार्टी के प्रमुख दलित समाज का सम्मान नहीं कर रहे बल्कि अपमान में वोट बैंक तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। डॉ भीम राव अंबेडकर जी ने शिक्षा समानता और सवैंधानिक मूल्यों के लिए जो संघर्ष किया और अखिलेश यादव ने उनके नाम का सिर्फ राजनितिक सौदा करने का प्रयास किया है।

अखिलेश यादव अपनी तस्वीर को डॉ भीम राव अंबेडकर जी के बराबर लगाना न सिर्फ उनके अहंकार क प्रदर्शित करता है बल्कि देश के दलित समाज के करोड़ों लोगों की भावनाओं के साथ निंदनीय प्रयास हैं। अखिलेश यादव को खुद पता नहीं कि बाबा साहब न किसी जाति के थे और ना किसी पार्टी के थे। वे एक विचारधारा थे और खुद उनके समक्ष प्रस्तुत करना सीधे तौर पर देश के करोड़ो दलितों और उनके संघर्ष का अपमान है। अखिलेश यादव को पता नहीं कि बाबा साहब का पूरा जीवन समानता, अधिकारों की लड़ाई में बीता है। क्योंकि अखिलेश यादव का सारा जीवन अपने और अपने पिता की कुर्सी को बचाने में। परिवार वाद के सबसे उदाहरण समाजवादी पार्टी ने क्या क्या किया है क्या कभी किसी दलित समाज नेता को मुख्यमंत्री बनाया या कभी समाजवादी पार्टी के शीर्ष पद दलित नेता को बैठाने का काम किया ?
अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्री काल में डॉ भीम राव अंबेडकर जी के नाम पर बने स्थानों से उनका नाम हटाने का काम किया है। हमेश दलित महापुरुषों को अपमानित करने का काम किया है। ये वही अखिलेश यदव जी हैं जिनके मंत्री इनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान ने बाबा साहब को सार्वजनिक रूप से भूमाफिया बताकर उन्हें लज्जित करने का काम किया था। समाजवादी पार्टी का इतिहास हमेशा दलितों के प्रति विश्वासघात से भरा है। अब डॉ बीम राव अंबेडकर जी की छवि से दलितों को छलने की जो कोशिश हो रही है यह एक राजनितिक धोखाधड़ी है। अपने शासन काल में किसी भी दलित बहुल क्षेत्र में समाजवादी पार्टी ने ठोस निति नहीं बनाई। अगर समजवादी पार्टी को दलित समाज से सच्चा प्रेम है तो क्या कारन है कि आज किसी दलित नेता को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया? सिर्फ यादव परिवार के लोगों को ही उच्च पदों पर बैठाया गया है। क्या दलित नेता खिंचवाने के लिए ही है। समाजवाद के नाम पर समाजवादी पार्टी ने सिर्फ परिवार वाद को ही बढ़ावा दिया है। सामाजिक उत्थान के नाम पर केवल यादव परिवार के द्वारा ही किया गया साम्राज्य जो खड़ा किया गया है वही दिखता है। Saharanpur News
समाजवादी पार्टी की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीती, जातीय ध्रुवीकरण की राजनीती और दलित वोट के शोषण पर आधारित रही है। प्रदेश की जनता सब समझती है। दलितों की राजनीती करने के लिए अखिलेश यादव को सिर्फ दो ही चीजन की चिंता है एक तो मुस्लिम वोट बैंक दुसरा अपने परिवार की विरासत। यही वजह है कि वे कभी भी दलित या मुस्लिम को पार्टी के शीर्ष पद पर नहीं पहुँचने देंगे। ये सिर्फ उनका इस्तेमाल करते हैं। अखिलेश यादव के इस प्रयास से निश्चित रूप से उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए। आज दलित समाज जागरूक है और ऐसे जेहादी सम्मान को ख़ारिज करता है। वहीं देश के प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में बाबा साहब से जुड़े सभी स्थानों को विकसित करके बाबा साहब को सच्ची श्रदाजंलि दी गई है। देश और प्रदेश की जनता समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को पूरी तरह नकार चुकी है। क्योंकि सपा और कांग्रेस एक सिक्के के दो पहलु हैं। Saharanpur
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पहलगांव की घटना के बाद जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी और विपक्ष के लोग एक नकारात्मक राजनीती का एजेंडा सेट करके देश विरोधी काम कर रहे हैं ये नफ़रत की राजनीती करने वाले लोग समाज में टकराव करने वाला एजेंडा है प्रदेश की जनता आज निश्चित रूप से नकार चुकी है। रामजी लाल सुमन के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा हमारे महापुरुषों और राष्ट्र नायको के बारे में जो उसका दृष्टिकोण है वो दृष्टिकोण कहीं ना कहीं इस सब घटनाओं से परलज्जीत होता है। लेकिन देश में कानून का राज है कानून में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है। लेकिन इस प्रकार की अराजकता करना, समाजवादी पार्टी का इतिहास रहा है कि सपा नेताओं ने हमारे महापुरुषों, साधु-संतो, सनातन के बारे में और हमारे धार्मिक ग्रंथो के बारे में जिस प्रकार से ब्यान करते हैं। उनका एजेंडा समाज में समाज में दोहरीकरण करने का है। Saharanpur News
नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया News 14 Today के Facebook पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें...