बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली में शिक्षा विभाग का चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। जहां विभागीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी महिला को फर्जी दस्तावेज के आधार पर सरकारी शिक्षिका नियुक्त कर दिया। 9 साल बाद हुई जांच में मामले का खुलासा हुआ है। जिसके बाद शिक्षिका को निलंबित कर उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
रामपुर जिले की रहने वाली एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेज लगाकर बेसिक शिक्षिका की नौकरी हासिल कर ली। वह बरेली के फतेहगंज पश्चिमी विकास खंड क्षेत्र में तैनात हो गई। दस्तावेज फर्जी साबित होने पर उसे निलंबित कर दिया गया। विभागीय अधिकारियों ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
रामपुर शहर के बजरोही टोला में मकान नंबर 20, गली नंबर चार निवासी एसए खान की बेटी शुमायला खान के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी भानु शंकर गंगवार ने उसके खिलाफ फतेहगंज पश्चिमी थाने में धोखाधड़ी कर नागरिकता छिपाने और फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
बताया जाता है कि शुमायला खान ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापिका की नौकरी हासिल की थी। वर्तमान में वह यहां प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत थी। उसकी नागरिकता को लेकर शिकायत की गई थी। आरोप था कि वह पाकिस्तानी नागरिक है।
इस मामले में विभाग ने उसके प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया था। एसडीएम सदर रामपुर से अपेक्षा की गई थी कि वह अपने कार्यालय से जारी हो रहे सामान्य निवास प्रमाण पत्र की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। एसडीएम की जांच में साफ पता चला कि शुमायला का यह प्रमाण पत्र त्रुटिपूर्ण है, इसे बनवाने में जानकारी छिपाई गई है और शुमायला वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक है।
शुमायला खान का प्रमाण पत्र पिछले साल निरस्त कर दिया गया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षिका से कई बार स्पष्टीकरण मांगा लेकिन प्रमाण पत्र की सत्यता साबित नहीं हो सकी। बीएसए ने 3 अक्टूबर 2024 को शुमायला खान को निलंबित कर दिया था। अब बीएसए के निर्देश पर बीईओ भानु शंकर गंगवार ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। फतेहगंज पश्चिमी थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है, शुमायला की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
नौ साल से नौकरी कर रही थी पाकिस्तानी नागरिक शुमायला ने 2015 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बरेली में नौकरी हासिल की थी। तब से वह प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात थी। इतने सालों से वह लाखों रुपए वेतन ले रही थी। अब उसे नियुक्ति तिथि से ही पद से हटा दिया गया है।