दीपोत्सव पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है। इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों ने जिले में डेरा डाल दिया है। तकनीकी निगरानी भी बढ़ा दी गई है। सादे कपड़ों में खुफिया एजेंसियों के लोग भी अयोध्या धाम में विभिन्न प्वाइंटों पर निगरानी कर किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार हैं। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हो रहे पहले दीपोत्सव को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अभी से अलर्ट पर हैं। मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में एसटीएफ, एटीएस और सीआरपीएफ के 200 से अधिक कमांडो मोर्चा संभालेंगे। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियां बम डिटेक्टर, डॉग स्क्वायड, फेस रिकग्निशन आदि तकनीकों की मदद से भी विभिन्न इलाकों में इनपुट तलाश रही हैं। अयोध्या धाम के विभिन्न होटलों, धर्मशालाओं, लॉज आदि में ठहरने वाले यात्रियों का सत्यापन भी किया जा चुका है। Ayodhya Diwali
47 पाकिस्तानी श्रदालु नहीं कर पाए भगवान श्रीराम के दर्शन, वीजा में गड़बड़ी मिलने पर प्रयागराज में रोका
अयोध्या धाम के विभिन्न संवेदनशील इलाकों की गतिविधियों पर ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जा रही है। जिला पुलिस के अलावा बाहरी जिलों से भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। कंट्रोल रूम से भी हर पल गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। जगह-जगह लगे खुफिया कैमरे भी राहगीरों की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। कुल मिलाकर दावा किया जा रहा है कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के और कड़े इंतजाम किए जाएंगे।
जिस रास्ते से झांकी गुजरेगी, उसकी छतों पर भी सशस्त्र जवान तैनात रहेंगे। इसके लिए सुरक्षा बलों ने रिहर्सल भी कर लिया है। उन्हें कई चरणों में ब्रीफ भी किया जा चुका है। वहीं, दीपोत्सव के दौरान अयोध्या धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से अच्छा व्यवहार करने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। एसएसपी राजकरन नैय्यर ने बताया कि दीपोत्सव को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। किसी भी तरह से शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। दीपोत्सव को लेकर जिले की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों की तलाशी के साथ ही अन्य गतिविधियां भी की जा रही हैं। वहीं, अयोध्या धाम में जगह-जगह चेकिंग अभियान भी चलाया गया है। Ayodhya Diwali
प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर छावनी में तब्दील हुई अयोध्या, एसपीजी के साथ 30 हजार पुलिस जवान तैनात
दरअसल सोमवार को जब तीन दिवसीय दीपोत्सव का आगाज हुआ तो त्रेता युग की तरह सजी अयोध्या को देख हर कोई आनंदित हो उठा। दो किलोमीटर तक की गई भव्य सजावट से अयोध्या की खूबसूरती देखने लायक है। उदय चौक से नयाघाट तक, धर्मपथ से लेकर सरयू पुल तक रामकथा के दृश्य जीवंत नजर आ रहे हैं। लेजर शो और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बहुरंगी छटा बिखरने लगी है। इस बार अयोध्या 25 लाख दीप जलाकर नया इतिहास रचने को आतुर है। भगवान श्रीराम के उल्लास और गुणगान व भजनों से रामनगरी राममय हो गई है। शाम होते ही राम की पैड़ी से लेकर सरयू घाट और राम कथा पार्क तक पूरा इलाका रोशनी से नहा उठा। लेजर शो और प्रोजेक्शन मैपिंग का रिहर्सल हुआ तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। Ayodhya Diwali
मुख्यमंत्री योगी बुधवार को राम की पैड़ी पर दीप जलाएंगे। इसके बाद पूरी रामनगरी जगमगा उठेगी। राम की पैड़ी समेत पूरी अयोध्या में 29 लाख दीये जलाए जाएंगे। अयोध्या दीपोत्सव में डूबी हुई है। ऐसा लग रहा है मानो सगुण-साकार ज्योति के रूप में राजा राम अवतरित हुए हों। दो किलोमीटर तक हर तरफ सिर्फ दीपोत्सव की तैयारियां ही नजर आ रही हैं। हर चौक-चौराहे पर सजावट की जा रही है। रामपथ के डिवाइडर पर भी रंग-रोगन किया जा रहा है। हर घर, मठ और मंदिर को सजाया जा रहा है। हजारों छात्र-छात्राओं की टीम राम की पैड़ी पर दीपों की माला सजा रही है, वहीं शाम को राम की पैड़ी पर लेजर शो में राम कथा की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को रामायण युग का अहसास कराया। मुख्य राजमार्ग के दोनों ओर होर्डिंग्स और भव्य द्वार दीपोत्सव को प्रांतीय स्वरूप दे रहे हैं। तरह-तरह के मेहराब और घाटों की सुसज्जित श्रृंखला हर किसी को भा रही है। इस अवसर पर लोक संस्कृति भी अछूती नहीं है। Ayodhya Diwali
दिव्य दीपोत्सव के अवसर पर पौराणिक स्थल भरतकुंड 25 हजार दीपों से जगमगाएगा। इसके लिए छह विद्यालयों के 700 स्वयंसेवकों को लगाया गया है। आयोजन को भव्य रूप देने के लिए लोगों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। आठवें दीपोत्सव को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां चल रही हैं। इसके साथ ही भगवान श्रीराम के छोटे भाई योगीराज महात्मा भरत के आश्रम नंदीग्राम भरतकुंड पर भी भव्य और ऐतिहासिक दीपोत्सव की तैयारियां चल रही हैं। नंदीग्राम भरतकुंड वही स्थान है जहां योगीराज ने भगवान श्रीराम की चरण पादुका रखकर 14 वर्षों तक तपस्या की थी। यह भूमि त्याग और समर्पण की भावना को जागृत करती है। पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से इस स्थान का विशेष महत्व है। दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए श्री भरत इंटरमीडिएट कॉलेज को नोडल विद्यालय की जिम्मेदारी दी गई है। Ayodhya Diwali