Satyapal Malik : सीबीआई ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर की छापेमारी, किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में 2,200 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला 

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Satyapal Malik : सीबीआई ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर की छापेमारी, किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में 2,200 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला

Published By Roshan Lal Saini

Satyapal Malik : सीबीआई ने गुरूवार को पूर्व राज्य पाल सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर छापेमारी की है।  2019 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में 2,200 करोड़ रुपये के धांधली के मामले में यह कार्यवाई की गई है। सीबीआई ने एक साथ पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बागपत स्तिथ आवास सहित 30 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की है। सीबीआई की इस कार्यवाई के बाद मलिक समर्थकों में हड़कंप मचा हुआ है।

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आपको बता दें कि 2019 जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ा में परियोजना किरु हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट हेतु लोक निर्माण कार्य के लिए 2,200 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था। जिसके खिलाफ जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आवाज उठाई थी। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दो परियोजनाओं को मंजूरी के एवज में 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की शिकायत की थी। यह मामला इतना बढ़ गया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियों तक पहुंच गया।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना खुद भारी पड़ गया। जिसके चलते गुरूवार की सुबह सवेरे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बागपत आवास समेत 30 से ज्यादा स्थानों पर एक साथ सीबीआई ने छापा मारा है। जानकारी के मुताबिक़ सुबह दिन निकलते ही सीबीआई की टीम जनपद बागपत में सत्यपाल मलिक के पैतृक गांव हिसावदा में गाजियाबाद से सीबीआई की टीम पहुंची। जहां सीबीआई अधिकारीयों ने उनकी पुश्तैनी हवेली को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी। सीबीआई अधिकारियों ने किसी के भी अंदर और बाहर आने जाने पर रोक लगा दी। हवेली के बाहर सीबीआई अधिकारीयों की कई गाड़ियां खड़ी हुई हैं। हालांकि उनकी पुश्तैनी हवेली जर्जर हालत में है।

सीबीआई की टीम ने सत्यपाल मलिक के परिवार के सतबीर मलिक उर्फ हिटलर के घर पहुंचकर बातचीत की। मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई अधिकारियों उनसे सत्यपाल मलिक की संपत्ति और अन्य जानकारी जुटा रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से सीबीआई टीम के साथ स्थानीय पुलिस बल भी मौजूद है।  फिलहाल किसी के भी अंदर जाने व बाहर आने पर रोक लगा दी गई है।

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पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का राजनितिक कैरियर साल 1974 में शुरू हुआ था। उस वक्त सत्यपाल मलिक बागपत विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत लोक दल से शुरू की थी। साल 1980 में सत्यपाल मलिक पहली बार लोक दल के टिकट राज्यसभा सदस्य चुने गए और संसद पहुंचे थे।

इसके बाद उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। कांग्रेस पार्टी ने भी राज्यसभा सदस्य चुनाव जीताकर संसद ही भेज दिया। जबकि 1987 में कथित बोफोर्स घोटाले के बाद सत्यपाल मलिक ने कांग्रेस से इस्तीफा देना पड़ा। आगे चलकर 1988 में सत्यपाल मलिक ने वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल का दामन थाम लिया। इस बार जनता दल ने उन्हें 1989 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अलीगढ़ से लोकसभा लड़ाया और वे चुनाव जीत कर सांसद चुने गए।

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वर्ष 1996 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर एक बार फिर अलीगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अलीगढ से चुनाव हारने के बाद सत्यपाल मलिक फिर कभी कोई चुनाव नहीं जीत पाए। जिसके चलते उन्होंने सपा छोड़ 2004 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बागपत से चुनाव लाडे लेकिन बीजेपी के टिकट पर भी उन्हें हार ही हाथ लगी। धीरे धीरे बीच बीजेपी में उनका राजनीतिक रूतबा बढ़ता चला गया। बीजेपी ने जिसका इनाम सत्यपाल मलिक को कई राज्यों का राज्यपाल बनाकर दिया।

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बीजेपी ने सत्यपाल मलिक को 2012 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद उनको 2017 में बिहार का राज्यपाल बनाया गया। बिहार के बाद 2018 में उन्हें जम्मू कश्मीर की जिम्मेदारी दी गई। जम्मू कश्मीर के राजयपाल रहते उन्हीं के कार्यकाल के दौरान 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किया गया। 2019 में सत्यपाल मलिक को गोवा का राज्यपाल बनाया गया और 2020 में मलिक को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया।

इसके बाद उन्होंने बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी थी। इतना ही नहीं 2019 में पुलवामा हमले को लेकर भी मलिक ने कई गंभीर दावे किए और केंद्र समेत गृह मंत्रालय पर आरोप लगाए। इसके बाद वह किसान आंदोलन में सरकार की नीतियों के खिलाफ मुखर रहे।

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