Ministry Took Action Against Wrestling Association : खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ के खिलाफ लिया एक्शन, अध्यक्ष के देरी से निलंबन पर उठे सवाल
Published By Roshan Lal Saini
Ministry Took Action Against Wrestling Association : भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पद से निलंबित होना हजम नहीं हो रहा है। वो अपनी बर्खास्तगी की शिकायत लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बात करना चाहते हैं। 21 दिसंबर को ही भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों के नतीजे में संघ के पूर्व अध्यक्ष संजय सिंह संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।
Ministry Took Action Against Wrestling Association: डब्ल्यूएफआई की पिछली बॉडी में बृजभूषण के अध्यक्ष रहते संजय सिंह जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर थे और उन पर बृजभूषण सिंह के इशारे पर उनके पक्ष में काम करने के आरोप लगते रहे थे। अध्यक्ष चुने जाने के बाद संजय सिंह ने बिलकुल ब्रजभूषण की भाषा बोलते हुए कहा कि जिनको कुश्ती करनी है, वो कुश्ती कर रहे हैं और जो राजनीति करना चाहते हैं वो राजनीति करें। लेकिन अब जब उनके हाथ से अध्यक्ष पद छिन गया, तो उनकी तिलमिलाहट साफ-साफ नजर आ रही है। Sports Ministry Took Action Against Wrestling Association
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दरअसल, महिला पहलवानों को न्याय न मिलने के बाद एक बार फिर साक्षी मलिक को तंग करने को लेकर पहलवानों में गुस्सा था और इसके विरोध में डेफ़ ओलिम्पिक्स के गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान वीरेंद्र सिंह ने पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर दिया था, बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया था। इससे पहले कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष चुने जाने का विरोध साक्षी मलिक ने किया और उन्होंने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया, जिससे राजनीति गरमा गई और आखिरकार खेल मंत्रालय को महिला पहलवानों के मामले में कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। Ministry Took Action Against Wrestling Association
साक्षी मलिक के इस बयान पर कि ‘प्रेसीडेंट बृजभूषण जैसा आदमी ही रहता है, जो उसका सहयोगी है। उसका बिजनेस पार्टनर है। वो अगर इस फेडरेशन में रहेगा, तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं। मैं आज के बाद आपको कभी भी वहां नहीं दिखूंगी।’ पूरे देश के लोगों की इस पर प्रतिक्रिया आने लगी और सरकार को आनन-फानन में अपनी जिद छोड़ते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से बृजभूषण सिंह के सहयोगी संजय सिंह को हटाना पड़ा। Ministry Took Action Against Wrestling Association
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Ministry Took Action Against Wrestling Association: पद्मश्री लौटाने का ऐलान करने से पहले पहलवान वीरेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला ख़त भी पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि ‘कुश्ती संघ के चुनाव में एक बार फिर बृजभूषण सिंह का कब्ज़ा हो गया है, जबकि गृहमंत्री ने आश्वासन दिया था कि वह बृजभूषण और उनके करीबियों को बाहर कर देंगे। चुनाव के नतीजों के बाद बृज भूषण सिंह ने बयान दिया कि दबदबा है और दबदबा रहेगा। इससे दबाव में आकर एकमात्र ओलंपिक विजेता महिला पहलवान साक्षी ने संन्यास ले लिया। मैं भी अपनी बहन और देश की बेटी के लिए पद्मश्री लौटा दूंगा। माननीय प्रधानमंत्री जी, मुझे गर्व है आपकी बेटी और अपनी बहन साक्षी मलिक पर।’ Ministry Took Action Against Wrestling Association
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बहरहाल, देश की बेटियों और इंटरनेशनल महिला खिलाड़ियों के साथ शारीरिक शोषण का मामला पूरे देश और दुनिया के सामने तब आया, जब 18 जनवरी 2023 को विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत कई बड़े पहलवान धरने पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे। लेकिन इस लड़ाई में हमारी पहलवान बेटियों की हार हुई और शारीरिक शोषण के दोषी बृजभूषण सिंह की जीत हुई, जिससे न सिर्फ महिला पहलवानों का हौसला टूटा, बल्कि बृजभूषण सिंह का सीना और चौड़ा हो गया। कुश्ती संघ ने भी बृजभूषण सिंह का पूरा बचाव किया। Ministry Took Action Against Wrestling Association
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जैसे-तैसे दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ रिपोर्ट तो दर्ज ली, लेकिन जांच में हीला-हवाली करने लगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जब जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश पुलिस को दिया, तो उसमें बृजभूषण सिंह दोषी पाया गया और उसके खिलाफ पॉस्को के तहत मामला दर्ज हुआ। हालांकि पॉस्को ऐसी धारा है, जिसमें दोषी सीधे अरेस्ट किया जाता है, लेकिन बड़ा सवाल आज भी मुंह बाये खड़ा है कि बृजभूषण सिंह को पुलिस ने आज तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया? कुश्ती संघ की चुनाव प्रकिया और परिणाम के समय भी मोदी सरकार का खेल मंत्रालय कुंभकर्णी नींद सोया हुआ था। Ministry Took Action Against Wrestling Association
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बहरहाल, अब खेल मंत्रालय की नींद थोड़ी खुली है, ज़ाहिर है कि इसके पीछे आगामी लोकसभा चुनावों की मजबूरी साफ़ झलक रही है। भाजपा को यह मामला बढ़ता नज़र आ रहा है। क्योंकि मौके की नज़ाकत को भांपते हुए प्रियंका गांधी कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा को लेकर साक्षी मलिक के घर पहुंची और उन्होंने महिला पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की थी। दूसरा भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों में हिंदी पट्टी में बड़ी संख्या में अपने जाट समाज के मतदाताओ को नाराज़ नहीं करना चाहती और अपने सांसद बृजभूषण शरण सिंह और उसके समाज को भी पुचकारे रखना चाहती है। Ministry Took Action Against Wrestling Association
तमाम विपक्षी दलों के एक साथ आने से भाजपा सकते में है और ऐसे में वह कोई कोताही बरतने की गलती नहीं कर सकती, इसलिए वह एक एक वोट जरूरी मान कर चल रही है। उसी के तहत अपनी सियासी रणनीति तैयार कर रही है। ज़ाहिर है कि किसान आंदोलन में लखीमपुर खीरी के दोषी अजय मिश्रा और उनके दोषी बेटे आशीष मिश्रा को बचाने की कोशिश के बाद ये दूसरा बड़ा मामला है, जिसमें अपने किसी नेता के बचाव में भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता, खास तौर पर खुद केंद्र की मोदी सरकार लगी रही। पिछले 11 महीनों से चल रहे इस विवाद में अब जाकर एक छोटी कार्रवाही सरकार की ओर से की गई है। Ministry Took Action Against Wrestling Association
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खेल मंत्रालय के इस फैसले को लेकर साक्षी मलिक की मां कृष्णा मलिक के चेहरे पर पहली बार एक खुशी देखने को मिली है, लेकिन अभी उन्हें अपनी बेटी और दूसरी पहलवान बेटियों के साथ हुई नाइंसाफी में न्याय की उम्मीद है। लेकिन देखने वाली बात ये है कि डब्ल्यूएफआई की पिछली बॉडी में बृजभूषण के अध्यक्ष रहते संजय सिंह जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर थे और उन पर बृजभूषण सिंह के इशारे पर उनके पक्ष में काम करने के आरोप थे। और हैरानी की बात ये है कि कैसे कुश्ती महासंघ से बाहर रहते हुए बृजभूषण सिंह ने अपने करीबी को अध्यक्ष पद पर बैठा दिया? Ministry Took Action Against Wrestling Association
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संजय सिंह की बेशर्मी की प्रकाष्ठा देखिए कह रहा है कि हमने कोई नियमों का उल्लंघन नहीं किया है, हम सरकार से डब्ल्यूएफआई का सस्पेंशन रद्द करने की मांग करते हैं। इतना ही नहीं हनक देखिए कहते हैं कि अगर सरकार ने सस्पेंशन नहीं हटाया, तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। संजय सिंह की मीडिया के सामने बेशर्मी देखिए कहते हैं कि मैंने कहीं भी पहलवानों का कोई अपमान नहीं किया। मैं गोंडा जिले के नंदनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में 3 दिवसीय नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया था, ताकि अंडर-15 और अंडर- 20 के बच्चों का साल न बर्बाद हो और वह कुश्ती चैंपियनशिप में हो जाएं। क्या यूपी गोंडा जिले के अलावा कहीं और कुश्ती प्रतियोगिता का स्थान उपलब्ध नहीं है? Ministry Took Action Against Wrestling Association
अभी इस मामले को लेकर राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है, मेरा मानना है कि इस गंभीर मामले की अभी गहनता से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। हालांकि केंद्रीय खेल मंत्रालय ने जिस प्रकार का फैसला इस मामले में लिया है, उससे खिलाड़ियों को न्याय की एक नई किरण नजर आई है। अब मेरी साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और वीरेंद्र सिंह यादव से गुजारिश है कि वे कुश्ती छोड़ने के विचार को त्यागते हुए पुनः दुनिया में देश का परचम लहराने का काम करें। Ministry Took Action Against Wrestling Association
आज देश को तुम्हारे जैसे ईमानदार, होनहार और निडरखिलाड़ियों की आवश्यकता हैं, जिन्होंने बिना किसी संकोच के अपना कैरियर दांव पर लगाते हुए पदम् पुरस्कार वापिस करने का ऐलान किया हो वें कुछ विरले ही हुआ करते हैं। सरकार को चाहिए कि खेलों से सियासी नेताओ को दूर करे और महिला कुश्ती प्रतियोगिता के लिए महिला कोच और महिला अध्यक्ष पद के लिए विचार करे। जिससे खिलाड़ियों के नाम पर सियासत ना हो। Ministry Took Action Against Wrestling Association
(लेखक दैनिक भास्कर के राजनीतिक संपादक हैं)