कुरुक्षेत्र 4 अगस्त। लंबे संघर्ष के बाद हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने से 1500 अनुबंध/अस्थाई असिस्टेंट प्रोफेसरों के रोजगार पर संकट के खतरे में आधी राहत मिली है, बाकी 15 अगस्त से पहले कच्चे या अस्थायी शब्द से आजादी देकर 60 वर्ष तक सेवा सुरक्षा प्रदान कर रोजगार सुरक्षित करने पर ही पूरी होगी।
हरियाणा यूनिवर्सिटी कॉन्ट्रैक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन, (हुकटा) की कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की इकाई के प्रतिनिधिमंडल ने आज कुरुक्षेत्र में माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह को नियमित करने का ज्ञापन सौंपकर मांग कि 15 अगस्त से पहले 15 विश्वविद्यालयों में 2-15 वर्षों से कार्यरत लगभग 1500 अनुबंध/अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियमितीकरण की पॉलिसी बनाकर 60 वर्ष के लिए सेवा सुरक्षा देकर कच्चे या अस्थायी रोजगार से आजादी दे ताकि सबका रोजगार स्थायी हो सके और नौकरी छूटने के भय से मुक्ति मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने उच्च अधिकारियों की कमेटी पॉलिसी फ्रेम करने के लिए बनाई हुई है। हमारी सरकार आप सभी अनियमित कर्मचारियों के लिए योग्यता व अनुभव के आधार पर पॉलिसी बना रही है। जैसे ही पॉलिसी फाइनल हो जाएगी अधिकारिक घोषणा कर विधानसभा चुनाव से पहले लागू कर दी जाएंगी।
हुकटा के प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक ने बताया कि सब यूजीसी के मापदंड को पूर्ण कर न्यूनतम पे स्केल पर अपनी सेवा दे रहे हैं। अध्यक्ष ने कहा सरकार ने खुद हरियाणा विद्यालय के गेस्ट टीचरों को सेवा सुरक्षा 2019 में दी थी,हमें अब उम्मीद है कि महाविद्यालय व विश्वविद्यालय के अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसरों को भी नियमित कर 60 साल तक सेवा सुरक्षा सरकार जल्द ही देगी।
अध्यक्ष मलिक व कोषाध्यक्ष मनजीत, सहसचिव अरुण गर्ग ने जोर देकर कहा कि सरकार हमारा रोजगार पक्का करती है तो हमारे सभी साथियों व परिवारों का सम्पूर्ण समर्थन सरकार की तरफ रहेगा अन्यथा हम न चाहते हुए अगस्त के महीने में महा आंदोलन करने पर विवश होंगे।
इस मौके पर हुकटा के नेतृत्व में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की टीम में डॉ. अनिल कुमार, डॉ. चंद्ररेखा, डॉ. यशपाल, डॉ. अमित जांगड़ा, डॉ. स्नेह लता, डॉ. मंजीत कुमार, डॉ. शक्ति, डॉ. सुखजीत कौर, डॉ. तन्नू, डॉ. श्वेता कश्यप, डॉ. प्रदीप राव, डॉ. तपेश, डॉ. मुनीश, डॉ. नितांत गौड़, डॉ मनजीत कौर आदि मौजूद रहें।