Mathura News : मथुरा की शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल, सड़क पर बैठ कर पढ़ाई कर रहे नौनिहाल 

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मथुरा : मथुरा के नगला बूढ़ा मांट ब्लॉक स्थित उच्च प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय में भवन जर्जर होने के कारण छात्रों को सड़क पर बैठकर पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। विद्यालय के कुछ कमरों को ध्वस्त कर दिया गया है और नए निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है। मथुरा के उच्च प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय नगला बूढ़ा मांट ब्लॉक की स्थिति एक गंभीर चिंता का विषय है। यह मामला न केवल मथुरा बल्कि पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर करता है।

आपको बता दें कि मांट ब्लॉक में उच्च प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय नगला बूढ़ा है। विद्यालय में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की क्लास संचालित है। प्रतिदिन इस विद्यालय में गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। यहां आने वाले बच्चों को क्लासरूम न होने की वजह से स्कूल के अंदर चलने के लिए बनाई गई रास्ते की सड़क पर बैठाकर पढ़ाया जाता है।

प्रधानाध्यापक हरी निवास का कहना है कि विद्यालय का भवन 2009 में बना था। इसके कुछ साल बाद इसमें बने कक्ष जर्जर हो गए। अक्तूबर 2023 में जर्जर कक्षों की नीलामी हुई। इसके बाद नवंबर महीने में नीलामी में चिन्हित किए गए जर्जर कमरों को ध्वस्त कर दिया गया। जिन 4 कमरों को ध्वस्त किया गया था उनमें कक्षा 6, 7 और 8 की क्लास लगती थी। प्रधानाध्यापक ने बताया कि अब विद्यालय में केवल दो कमरे शेष बचे हैं, जिसमें प्राइमरी स्कूल का संचालन किया जा रहा है।

समस्या के मूल कारण:

  • भवन का जर्जर होना: विद्यालय का भवन 2009 में बनने के बाद से ही जर्जर हो चुका था।
  • अनुचित नीलामी और ध्वस्तीकरण: जर्जर भवनों की नीलामी के बाद बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के उन्हें ध्वस्त कर दिया गया।
  • अर्जित धन का कुप्रबंधन: नीलामी से प्राप्त धनराशि को नए भवन निर्माण के लिए उपयोग नहीं किया गया।
  • शिक्षकों पर बोझ: शिक्षकों को प्रतिकूल परिस्थितियों में बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
  • छात्रों का शैक्षणिक नुकसान: बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ना पड़ रहा है, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

समाधान के सुझाव:

  • अस्थायी व्यवस्था: तत्काल प्रभाव से छात्रों के लिए एक अस्थायी कक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए।
  • नए भवन का निर्माण: नीलामी से प्राप्त धनराशि और अतिरिक्त सरकारी फंड का उपयोग करके एक नए और मजबूत भवन का निर्माण किया जाना चाहिए।
  • शिक्षकों का प्रशिक्षण: शिक्षकों को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी प्रभावी शिक्षण के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
  • शैक्षणिक संसाधन: विद्यालय को पर्याप्त शैक्षणिक संसाधनों से लैस किया जाना चाहिए।
  • जवाबदेही तय करना: इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
  • समाज का योगदान: स्थानीय समुदाय और गैर सरकारी संगठनों को इस मुद्दे पर आगे आकर सरकार का सहयोग करना चाहिए।

यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?

  • शिक्षा का अधिकार: यह मामला शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है।
  • बच्चों का भविष्य: यह बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
  • सरकारी व्यवस्था: यह सरकारी व्यवस्था की कमियों को उजागर करता है।
  • समाज की जिम्मेदारी: यह समाज को अपनी जिम्मेदारी याद दिलाता है।

यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर सभी को एक साथ आकर काम करना होगा। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव, बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन और सरकारी तंत्र में जवाबदेही की कमी जैसी समस्याएं इस लेख के माध्यम से सामने आई हैं।

 

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