सहारनपुर : एक ओर ओर जहां NGT ( नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून ) ने जनपद सहारनपुर में निजी खनन पट्टों पर रोक लगाई हुई है वहीं दूसरी और खनन माफिया न सिर्फ अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं बल्कि NGT के आदेशों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। इतना ही नहीं सरकार को करोड़ों रूपये के राजस्व का भी नुक्सान पहुंचा रहे हैं। बेखौफ खनन माफिया रात के अंधेरे में जेसीबी और पॉकलाइन मशीनों से यमुना नदी का सीना चीर कर पर्यावरण को भी नुक्सान पहुंचाने में लगे हैं। बावजूद इसके खनन विभाग जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहा है। जबकि आला अधिकारी अवैध खनन की जांच कर खनन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाई का भरोसा दिया है।
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आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर की तहसील बेहट इलाके से गुजरने वाली यमुना नदी और स्टोन क्रेशरों के आस पास खनन माफियाओं का खुला राज चल रहा है। कुछ खनन माफिया प्रशासन की आँखों में धूल झोंक कर अवैध खनन करने में जुटे हुए है। दिन ढलते ही खनन माफिया मशीनें लेकर अवैध खनन करने में जुट जाते है। रात के अंधेरे में खनन माफिया 15 से 20 फ़ीट गहराई तक खुदाई कर खनिज उठा कर अपने स्टोन क्रेशरों पर स्टॉक लगा रहे हैं। स्टोन क्रेशर से महज कुछ क़दमों की दुरी से कई बीघा जमीन को गहरे गड्डो में तब्दील कर दिया है। अवैध खनन को अंजाम देने में भाजपा के युवा नेता का नाम बताया जा रहा है। यही वजह है कि खनन विभाग का रवैया भी नरम दिखाई दे रहा है। या यूँ कहे कि खनन विभाग के कुछ लोगों की मिली भगत से बड़े स्तर पर अवैध खनन किया जा रहा है।
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हैरत की बात तो ये है कि अभी दो दिन पहले ही एडीएम वित्त रजनीश मिश्र के निर्देश पर अवैध खनन किये गए स्थानों की पैमाइश करा कर जाँच की गई थी। खनन अधिकारियों द्वारा पैमाईश करने के बाद फिर से उन्ही स्थानों पर अवैध खनन कर 15 से 20 फीट तक गहरे गड्ढे खोद डाले। जिससे राजस्व को बड़ी हानि हो रही है। खनन माफियाओं के होंसले इतने बुलंद है कि दिन जांच के लिए अवैध खनन की पैमाइश की गई और रात में खनन माफिया मशीने लेकर उसी जगह अवैध खनन में जुट गए। रात के अंधेरे में हो रहे अवैध खनन की ये तस्वीरें इस बात की तस्दीक कर रहीं हैं। बिना पट्टे और बिना अनुमति के मशीनों से यमुना नदी का सीना चीर कर सफेद रेत से काली कमाई की जा रही है।
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सूत्रों के मुताबिक़ खनन माफिया खनन की 10-20 गाडी सरकारी पट्टे से खरीदता है लेकिन स्टोन क्रेशर के पीछे यमुना नदी की तरफ से कई बीघा जमीन खोद चुके हैं। जहां 15 से 20 फ़ीट गहराई तक खनिज उठा लिया गया है। दिन ढलते ही कई खनन माफिया अवैध खनन खुदाई कर जहां प्रशासन की आँखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं वहीं यमुना नदी को गहरे गड्ढो में तब्दील कर पर्यावरण के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। अवैध तरीके से खुदाई वाले स्थानों की पैमाइश के बाद भी खुदाई की जा रही है। बावजूद इसके प्रदूषण विभाग और खनन विभाग खनन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाई करने से बच रहे हैं। जिसके चलते खनन विभाग और प्रदूषण विभाग पर सवाल उठने लाज़मी हैं।
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इस बाबत जब एडीएम वित्त रजनीश मिश्र से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाई की जा रही है। खनन माफिया रात को अवैध खनन कर रहे हैं जहां की शिकायत मिलती है वहां मौके पर जाकर खुदाई वाले स्थान की पैमाइश कर जांच कराई जा रही है। कई खनन माफियाओं के खिलाफ लाखो रूपये का जुर्माना लगाया गया है। न्यूज़ 14 टुडे द्वारा दिखाई गई इन तस्वीरों के आधार पर मौके पर टीम भेज कर जाँच कराई जाएगी। जांच उपरान्त सबंधित खनन माफिया कार्यवाई की जायेगी। तस्वीरों में साफ दिख रहा है किस तरह खनन माफिया रात के अंधेरे में मशीनों से खनन खुदाई कर गाड़ियों में भर रहे हैं। अवैध खनन करने वाला और कराने वाला किसी भी सूरत में बख्सा नहीं जाएगा।
ऐसे सवाल यह उठना लाज़मी है कि आखिर कौन है वो सफेदपोश जिसके इशारे पर राजस्व को करोड़ों रूपये की हानि पहुंचाई जा रही है ? कौन है वो खनन माफिया जो सत्ताधारी पार्टी का चोला पहन अधिकारियों को भ्रमित कर अवैध खनन करने का काम कर रहे है ? क्या तहसील और जिला प्रशासन तथा खनन विभाग राजस्व को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्यवाही करेगा ? यह देखने वाली बात होगी !