अमेरिका निर्वासन : अमेरिका में कई सालों से रह रहे लाखों भारतीयों के सपने टूटने की कगार पर हैं। अमेरिका से निर्वासन कार्यवाई शुरू होते ही 1000-500 नहीं बल्कि 35 लाख भारतीयों के सपने खतरे में पड़ते नजर आ रहे हैं। ख़ास बात ये है कि ऐसे 35 भारतियों में 14 लाख पंजाब के रहने वाले हैं। ट्रंप सरकार अमेरिका (US) से अवैध अप्रवासी भारतीयों को निकाल रही है। अवैध तरीके से अमेरिका गए 332 भारतीयों को अलग-अलग तारीखों पर निर्वासित कर वापस भेजा गया है। इनमें सबसे ज्यादा 128 लोग पंजाब के हैं, जिन्हें अमेरिका से निष्कासित किया गया है।

आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बिना किसी पूर्व सूचना के 20 इमिग्रेशन जजों को अप्रत्याशित रूप से बर्खास्त कर दिया है। इस फैसले से उन 35 लाख लोगों में चिंता बढ़ने लगी है जिन्होंने शरणार्थी का दर्जा पाने के लिए आवेदन किया था। इन जजों की बर्खास्तगी से मामलों में और देरी होने की संभावना है। जिससे अमेरिका में सालों से रह रहे पंजाबी मूल के करीब 14 लाख लोगों के निर्वासन का खतरा बढ़ गया है। अमेरिका में रहने वाले राणा टुट के मुताबिक, इससे कई पंजाबी युवाओं को नुकसान होगा। इमिग्रेशन कोर्ट सिस्टम पर पहले से ही लंबित मामलों का भारी बोझ है, जिससे कानूनी प्रक्रियाओं में सालों की देरी हो रही है।
अमेरिका में लंबे समय से पंजाबी समुदाय के लिए काम कर रहे वरिष्ठ लेखक बलविंदर सिंह बाजवा का कहना है कि इन लंबित मामलों में से 40 फीसदी पंजाबी मूल के लोगों से जुड़े हैं। इसलिए मामलों में देरी के कारण उन्हें निर्वासित भी किया जा सकता है। जून 2024 में उन्होंने पांच लाख अप्रवासियों को कानूनी दर्जा देने की पेशकश की थी। इन इमिग्रेशन जजों को तकनीकी रूप से उनके प्रशासन ने ही लाया था। ट्रंप प्रशासन के कदम ट्रंप प्रशासन ने मामलों को तेजी से निपटाने के प्रयास में इमिग्रेशन जजों पर दबाव बढ़ा दिया था।
पिछले महीने न्याय विभाग ने निर्वासन का सामना कर रहे लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने वाले गैर-सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता भी रोक दी थी। इस बर्खास्तगी से ट्रंप की दो प्रमुख प्राथमिकताएं प्रभावित होंगी – सामूहिक निर्वासन और संघीय सरकार का आकार कम करना। कनाडा में भी असर कनाडा में भी इमिग्रेशन विभाग (आईआरसीसी) ने अगले तीन सालों में अपने कर्मचारियों में 25% की कटौती की घोषणा की है, जबकि 22 लाख आवेदन लंबित भी हैं। इससे कनाडा में भी पीआर की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी।
अमेरिका के निवासी राणा टुट का कहना है कि इमिग्रेशन कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे देश में अवैध प्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई है। चूंकि सिस्टम से गुजरने में मामलों को बहुत समय लगता है, इसलिए प्रतीक्षा कर रहे कई लोग अपने समुदायों में जड़ें जमाना शुरू कर देते हैं। निश्चित रूप से इमिग्रेशन प्रक्रिया धीमी हो जाएगी और इसका खामियाजा कई पंजाबी युवाओं को भुगतना पड़ेगा।
इस महीने अमेरिका से निर्वासित भारतीय
05 फरवरी को 104, पंजाबियों को 30
15 फरवरी को 116, पंजाबियों को 67
16 फरवरी को 112, पंजाबियों को 31
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