Trivendra Rawat in Mela Gugal : मेला गुघाल में हुआ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक संध्या का आयोजन, त्रिवेंद्र रावत बोले भाषाओं को बचाने के लिए बोलियों को बचाएं
Published By Roshan Lal Saini
Trivendra Rawat in Mela Gugal : उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि एक घंटे में एक बोली मर रही है, यही कारण है कि भाषाएं कमजोर हो रही है। बोलियां ही भाषा को मजबूत कर सकती है। उन्होंने आह्वान कि भाषाओं को बचाने के लिए बोलियों को बचाएं, उनका संरक्षण करें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मधुमक्खी और भौरों की गुंजन के बिना उपवन की कल्पना नहीं की जा सकती, इसी तरह बोलियों के बिना भाषाओं की कल्पना नहीं की जा सकती।
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त्रिवेंद्र सिंह रावत यहां जनमंच में नगर निगम द्वारा सामाजिक समरसता और सौहार्द के प्रतीक मेला गुघाल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में आयोजित उत्तराखण्ड सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा आज पूरी दुनिया गौरय्या को लेकर चिंतित है, लेकिन पहाड़ के कलाकारों ने बहुत पहले ही अपने गीत-संगीत में गौरय्या के महत्व और उसके संरक्षण पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि मेले संस्कृति बचाने में अहम भूमिका निभाते है। मेला गुघाल में आज पर्वतीय संस्कृति पर आधारित यह आयोजन इसका उदाहरण है। उन्होंने गढ़वाली कलाकार अमित सागर व जौनसारी नंदलाल भारती का गढ़वाली संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान का उल्लेख किया। Trivendra Rawat in Mela Gugal
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इससे पूर्व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, महापौर डॉ अजय कुमार, पूर्व महापौर संजीव वालिया, पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, विधायक देवेंद्र निम व पूर्व महापौर संजीव वालिया ने पेशावर काण्ड के महानायक वीर चंद्रसिंह गढ़वाली व अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी देवसुमन के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर उत्तराखण्ड सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन किया। कार्यक्रम संयोजक पार्षद वीरेन्द्र उपाध्याय, सह संयोजक संदीप रावत, सह संयोजक नरेश रावत, राजनीतिन रावत व मेला चेयरमैन चौधरी वीरसेन सिद्धू ने सभी अतिथियों व कलाकारों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया। Trivendra Rawat in Mela Gugal
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कार्यक्रम में ‘उत्तराखण्ड की आवाज सुनो पहाड़ों’ के अध्यक्ष नरेन्द्र रौथाण की टीम ने गढ़ वन्दना-हिमवन्त देश होला त्रिजुगी नारैण, नंदा देवी राजजात यात्रा, कुमाऊँनी लोक नृत्य ‘छपेली’-मोहना तीले धारन्बोला तथा जौनसारी लोक नृत्य-हारुल एवं तांदी लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। पहाड़ के प्रसिद्ध लोक गायक अमित सागर ने अपने लोकगीतो के माध्यम से भरपूर मनोरंजन किया। सहारनपुर की नृत्यांगना अपर्णा नेगी ने भी एक सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मेलाधिकारी राजेश यादव, शैलेंद्र सिंह बिष्ट, डॉ. दीपक, ऋषि राणा, वीरेंद्र नेगी, हेमंत अरोड़ा, अमित गगनेजा, शीतल बिश्नोई, संजय अरोड़ा आदि मौजूद रहे। संचालन प्रवीण छाबड़ा व मुरारी खेतवाल ने किया। Trivendra Rawat in Mela Gugal