सहारनपुर : शेखुल हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2018 में हुए 51 लाख के स्टेशनरी घोटाले का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रारंभिक जांच में तत्कालीन प्राचार्य डॉ. अरविंद त्रिवेदी दोषी पाए गए हैं। अब संयुक्त सचिव चिकित्सा की ओर से विभागीय जांच के लिए आरोप पत्र मंडलायुक्त को भेजा गया है। आरोप पत्र के आधार पर तत्कालीन प्राचार्य से सभी बिंदुओं पर साक्ष्य मांगे जाएंगे। इसके बाद तय होगा कि तत्कालीन प्राचार्य दोषी हैं या नहीं।
246 रुपये में खरीदा गया एक रुपये का लिफाफा
शेखुल हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज में नवंबर 2018 में 51 लाख रुपये की स्टेशनरी व कंटीजेंसी सामान खरीदने के ऑर्डर हुए थे। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया के जरिए सामान खरीदा गया था। अगस्त 2019 में वित्त नियंत्रक ने स्टेशनरी खरीद की जांच की थी। पता चला कि एक रुपये का लिफाफा 246 रुपये तक में खरीदा गया। ऐसे करीब एक हजार लिफाफे खरीदे गए।
इसके अलावा छोटे लिफाफे 123 रुपये प्रति लिफाफा की दर से खरीदे गए। इसी तरह अन्य सामान भी करीब 30 फीसदी अधिक दामों पर खरीदे गए। और भी सामान खरीदे गए। जांच रिपोर्ट के आधार पर संविदा लिपिक फैजान और जिग्रीश को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि कई अन्य कर्मचारियों के पद बदल दिए गए। इसके अलावा किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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