सहारनपुर : जनपद सहारनपुर में एक बार फिर ईडी यानि प्रवर्त्तन निदेशालय की बड़ी कार्यवाई हुई है। जिले के बड़े सर्राफा कारोबारी के के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है। शहर के प्रसिद्ध सर्राफा कारोबारी नवीन ज्वेलर्स घर पर दोपहर से छापेमारी की जा रही है। इस कार्यवाई से जहां जिले के कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है वहीं जिले के आला पुलिस अधिकारी ईडी की छापेमारी की जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं।
आपको बता दें कि शुक्रवार की दोपहर देहरादून से प्रवर्त्तन निदेशालय ( ED ) की टीम सहारनपुर पहुंची। जहां ईडी अधिकारीयों ने चर्च कम्पाउंड में शहर नामचीन सर्राफा कारोबारी नवीन ज्वेलर्स के घर पर छापामारी की है। जानकारी के मुताबिक़ ईडी अधिकारी प्रपत्रों के साथ नकदी और जेवरात आदि की जांच कर रहे हैं। ईडी की टीम ने सुरक्षा की दृष्टि से कार्रवाई के दौरान सराफा व्यापारी के आवास के अंदर से दरवाजा बंद किया हुआ है। न तो घर में किसी को प्रवेश किया जा रहा है और ना ही किसी को बाहर जाने दिया जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी आवास पर मिले प्रॉपर्टी सहित अन्य दस्तावेज खंगाल रहे हैं। सराफा व्यापारी के आवास से मिले आभूषणों का वजन कराने से लेकर अन्य जांच के लिए एक अन्य सर्राफ कारोबारी को भी बुलाया है।
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दरअसल 9 मई 2024 देहरादून के क्लेमेंट टाउन थाना प्रभारी राजीव धारीवाल टीम के साथ सहारनपुर पहुंचे। देर रात कोर्ट रोड स्थित नवीन ज्वेलर्स शोरूम से हरिप्रकाश मित्तल व उनके बेटे नवीन मित्तल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस कोर्ट रोड पर ही प्रॉपर्टी डीलर सुशील गाबा को भी गिरफ्तार किया था। सुशील गाबा हिस्ट्रीशीटर भी है, जो पूर्व में धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है।
पिता-बेटे व हिस्ट्रीशीटर पर आरोप है कि इन्होंने डीके मित्तल दंपती की मौत के बाद फर्जी तरीके से जमीन बेची थी। पुलिस को केस में कुछ बड़े लोगों के शामिल होने की संभावना है। यही वजह है कि यह मामला ईडी को सौंप दिया गया। सर्राफा कारोबारी पर मनी लॉन्ड्रिंग और करोडो की जमीन में धांधली का आरोप है जिसके चलते शुक्रवार को ईडी की टीम ने सर्राफा कारोबारी के यहां छापेमारी की है। सहारनपुर पुलिस के आला अधिकारी इस कार्रवाई के बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
सहारनपुर में ईडी की हालिया छापेमारी ने एक बार फिर भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों के खिलाफ चल रही लड़ाई को सुर्खियों में ला दिया है। इस घटना ने कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं:
- क्यों हुई छापेमारी: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आमतौर पर मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा का अवैध लेनदेन और अन्य वित्तीय अपराधों से जुड़े मामलों की जांच करता है। सहारनपुर के इस बड़े सराफा कारोबारी के यहां छापेमारी के पीछे भी यही कारण माना जा रहा है। हो सकता है कि ईडी को इस बात का संदेह हो कि कारोबारी कानून का उल्लंघन कर रहा हो या फिर उसने अवैध धन को सफेद करने की कोशिश की हो।
- पुलिस की चुप्पी: पुलिस के आला अधिकारियों का इस मामले में कोई भी जानकारी होने से इंकार करना आश्चर्यजनक नहीं है। कई बार, ईडी जैसी एजेंसियां अपनी जांच को गोपनीय रखना चाहती हैं ताकि आरोपी सबूतों को नष्ट न कर सकें।
- सराफा कारोबारी पर संदेह: सराफा कारोबार में अक्सर बड़ी मात्रा में नकदी का लेनदेन होता है, जो मनी लॉन्ड्रिंग के लिए एक आकर्षक माध्यम हो सकता है। इसलिए, ईडी का ध्यान इस कारोबारी पर केंद्रित होना स्वाभाविक है।
- आगे क्या होगा: ईडी की जांच के बाद ही यह पता चल पाएगा कि इस मामले में क्या सच्चाई है। अगर कारोबारी दोषी पाया जाता है तो उसे कानून के अनुसार सजा हो सकती है।
यह मामला हमें कुछ महत्वपूर्ण बातें याद दिलाता है:
- भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है: भारत में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है जो देश के विकास को बाधित करती है। ईडी जैसी एजेंसियां इस समस्या से निपटने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- कानून सबके लिए बराबर है: कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना ही बड़ा कारोबारी क्यों न हो, कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।
- समाज में पारदर्शिता की जरूरत है: हमें ऐसे समाज का निर्माण करना चाहिए जहां हर व्यक्ति पारदर्शी तरीके से काम करे।
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