Saharanpur : सहारनपुर में बोले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज, मंदिरो को तोड़ कर बनाई गई है बड़ी मस्जिदें, धर्म के नाम पर हो रही राजनीति, अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पर उठाये सवाल

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सहारनपुर : ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज मंगलवार को सहारनपुर पहुंचे। जहां उन्होंने एक शादी समारोह में शिरकत की और मंत्रोउच्चरण से जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ मंदिर-मस्जिद मामले पर राजनीती करना बताया बल्कि मुग़ल शासन में मंदिरो को तोड़कर मस्जिदें बनाने का आरोप लगाया है। साथ ही यह भी कहा कि “अगर मस्जिद के बारे में ऐसा कोई इतिहास और सबूत मिलता है तो उस पर चर्चा होनी चाहिए। चर्चा करके सुधार किए जाने चाहिए। बस इतना ही।” वहीं तौकीर रज़ा को चेतावनी देते हुए कहा कि तौकीर रजा जैसे लोगों को सोचना चाहिए कि वह अलग समय था। जब बाहर से आक्रमणकारी आए और भारत पर अपना शासन स्थापित किया। आजादी के बाद किसी भी पार्टी की सरकार बनी हो लेकिन गौहत्या नहीं रुकी है। गौ-गंगा-गायत्री की हालत खराब है, यह दुख की बात है।

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आपको बता दें कि ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज सहारनपुर में एक शादी समारोह में पहुंचे थे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि राजनितिक पार्टियों के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है तौकीर रजा गलतफहमी में हैं, अगर धमकी देकर यहां रहना है तो ऐसा संभव नहीं है। तौकीर रजा जैसे लोगों को सोचना चाहिए कि वह अलग समय था। जब बाहर से आक्रमणकारी आए और भारत पर अपना शासन स्थापित किया। लेकिन अब इस देश में ऐसा नहीं होने वाला है। विभाजन से लेकर काटने तक का बयान चल रहा है। वह राजनीतिक मामला है। राजनीति में हर राजनीतिक दल को वोट चाहिए। “बंटेंगे तो कटेंगे” का मतलब है कि अगर वोट बंट गए तो अच्छा नहीं होगा। हमें वोट दें। इसका यही मतलब है।’ आप मस्जिदों में मंदिर खोजने की बात कर रहे हैं। लेकिन कल्पना कीजिए उस समय की जब मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बना दिया गया था। वह भी एक समय था। अगर मस्जिद के बारे में ऐसा कोई इतिहास और सबूत मिलता है तो उस पर चर्चा होनी चाहिए। चर्चा करके सुधार किए जाने चाहिए। Saharanpur

बांग्लादेश में हिन्दुओ पर हो रहे अत्याचार के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी उम्मीद भारत से है। क्योंकि भारत एक हिंदू राष्ट्र है। भारत में हिंदू बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत भारतीयों की मातृभूमि, पितृभूमि है। तो ऐसे में बांग्लादेश के हिंदुओं को भारत सरकार और यहां के हिंदुओं से उम्मीदें हैं। इसलिए भारत को इस पर फैसला लेने की जरूरत है। धर्म के नाम पर इतने लोग नहीं बंटे हैं। जाति के नाम पर इतने लोग नहीं बंटे हैं जितने पार्टियों के नाम पर बंटे हैं। पार्टियां लड़ने के अलावा कुछ नहीं कर रही हैं। एक पार्टी दूसरी से लड़ रही है और दूसरी पार्टी तीसरी से लड़ रही है। वे एक-दूसरे के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों की वजह से समाज टूट रहा है। राजनीतिक दलों को इस बारे में सोचना होगा। हम अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा बना रहे हैं। लेकिन हम दूसरी पार्टी के प्रति इतनी नफरत पैदा कर रहे हैं कि हम टुकड़े-टुकड़े हो रहे हैं।’ Saharanpur

Jagadguru Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati Maharaj

गौ-गंगा-गायत्री  के सवाल पर उन्होंने कहा कि गौ-गंगा-गायत्री की हालत ऐसी है कि गायों को काटा जा रहा है। गायों को सिर्फ काटा नहीं जा रहा, उन्हें टुकड़ों में काटकर पैकेट में पैक करके बेचा जा रहा है। गंगा को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांधा जा रहा है। बांधने के बाद उसे सुरंगों में जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। गंगा की इज्जत भी दांव पर लगी है। गायत्री के नाम पर धारा-30 लिखी गई है कि हिंदू अपने धर्म की प्रशंसा नहीं कर सकता। तो ऐसी स्थिति में गायत्री भी नहीं है। गौ-गंगा-गायत्री की हालत खराब है। यह दुख की बात है। कहा जा रहा है कि यह हिंदुओं का देश है। यहां हिंदुओं का ही वर्चस्व है। लेकिन गाय, गंगा और गायत्री की हालत खराब है।’

बीजेपी सरकार में हिन्दू सुरक्षा के सवाल पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उसमें सभी सरकारें शामिल हैं। भाजपा भी, कांग्रेस भी। वामपंथी भी इसमें शामिल हैं। आजादी से पहले हिंदुओं की मूल भावना थी कि गायों की रक्षा होनी चाहिए। गायों की रक्षा कहां हो रही है? हिंदुओं की मूल भावना है कि अपने शास्त्रों का अध्ययन करें। हमारी बातें नहीं सुनी जा रही हैं। यहां इमारत चिल्ला रही है कि यह हिंदुओं का स्थान है। वहां भी दूसरे लोगों को मौका दिया गया है। हमें बैरिकेड्स लगाकर रोका जा रहा है। हमें समझ में नहीं आ रहा है कि यह भाजपा है या कोई और। आजादी के बाद से भारत में कोई हिंदू सरकार नहीं बनी है।’ Saharanpur

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के सवाल पर कहा कि जब मंदिर पूरी तरह से बन जाएगा, तभी प्राण प्रतिष्ठा होगी। पूजा तभी होगी, जब ध्वज और कलश चढ़ाए जाएंगे। जब शिखर बन जाएगा, तभी कलश चढ़ाया जाएगा और तभी ध्वज स्थापित किया जाएगा। यह पूजा या तो होगी या नहीं होगी। यही प्रतिष्ठा है। ध्वज अभी नहीं चढ़ाया गया है। ध्वज चढ़ाए बिना कहीं भी प्रतिष्ठा नहीं होती है। जब मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा, तो यह सब स्वाभाविक रूप से होगा। वहीं प्रतिष्ठा होगी।’

पूरी दुनिया में लोग कह रहे हैं कि यह कैसा हिंदू देश है? यहां कैसे हिंदू हैं? जो अपने प्रतीकों की रक्षा नहीं कर सकते। अपने गौरव की रक्षा नहीं कर सकते। इसलिए भारत के हिंदुओं को सतर्क रहना होगा। राजनीति से प्रभावित हुए बिना, उन्हें अपने गौरव और प्रतीकों की रक्षा के लिए खड़ा होना होगा। गौ-गंगा और गायत्री की भी रक्षा करनी होगी। क्योंकि हमारे यहां जब भी रोटी बनती है, तो वह किसी और की नहीं बनती। पहली रोटी गाय की होती है। गाय हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है। इसलिए सबसे पहले गाय के लिए वोट करें। गाय के लिए वोट देकर गाय के जीवन और प्रतिष्ठा की रक्षा करें। स्वाभाविक रूप से तब तक लोग समझ जाएंगे कि हिंदू अपने प्रतीकों की रक्षा के लिए उठ खड़े हुए हैं। इसलिए हमें गाय की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित होना होगा। Saharanpur

 

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