नवरात्रि कलश पूजा : नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। इस दिन कलश स्थापित करके हम देवी मां दुर्गा का आह्वान करते हैं और अपने जीवन को उनकी कृपा से धन्य करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना क्यों की जाती है और इसके नियम क्या हैं? जानिये कैसे करें कलश स्थापित ? पढ़िए पूरी कहानी….
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि कलश स्थापना नियमआपने कई बार देखा होगा कि नवरात्रि का त्योहार शुरू होते ही सबसे पहले कलश स्थापित कर उसकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का बहुत महत्व है। कलश को देवी मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। कलश में जल, अक्षत, कंकू, नड़चढ़ी आदि भरकर देवी मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है। हिंदू इस परंपरा को सालों से मनाते आ रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि कलश मां दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है। यह सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है जो घर में शांति और समृद्धि लाती है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष आसाउ मास के शुक्ल पक्ष की एकम तिथि 3 अक्टूबर को 00:18 बजे से शुरू होगी। यह तिथि 4 अक्टूबर को सुबह 02:58 बजे तक मान्य रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर, गुरुवार से शुरू होगी।
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। कलश स्थापना के लिए पहला शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 बजे से 7:22 बजे तक है और घट स्थापना के लिए आपको 1 घंटा 6 मिनट का समय मिलेगा। इसके अलावा दोपहर में कलश स्थापना का समय अभिजीत मुहूर्त में भी है। इसे सबसे अच्छा समय माना जाता है। आप दिन में किसी भी समय सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:33 बजे के बीच कलश स्थापना कर सकते हैं। दोपहर में 47 मिनट का शुभ समय मिलेगा।
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कलश स्थापना की सही विधि
कलश स्थापित करने के लिए स्वच्छ और पवित्र स्थान का चयन करें और यह स्थान पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। कलश स्थापित करते समय एक मेज या थाली लें, उस पर लाल कपड़ा बिछाएं, उस पर चावल, गेहूं, जौ, जो भी उपलब्ध हो उसे रखें, उसमें शुद्ध जल डालें, उस पर आसोपालव के पत्ते रखें और श्रीफल रखें। कलश के चारों ओर रस्सी बांधें। कलश के चारों ओर रंगोली बनाएं, उसे सजाएं। देवी माता के मंत्रों का जाप करें और कलश में जल और धूप जलाएं।
कलश स्थापना के नियम
नवरात्रि महोरव से पहले दिन कलश स्थापित करते समय स्नान करें और पवित्र रहें। कलश स्थापना के समय मन में कोई नकारात्मक भावना नहीं होनी चाहिए। पूरे नवरात्रि में विधि-विधान से कलश की पूजा करें। – नवरात्रि के दिन पूजा करें और नौवें दिन कलश स्थापित करें।
कलश स्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान
वास्तु शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन सही दिशा में कलश स्थापित करने से लोगों के घर से वास्तु दोष दूर होता है। कलश पवित्रता का प्रतीक है। यह हमें पवित्रता बनाए रखने की प्रेरणा देता है। कलश स्थापित करना शुभ होता है। इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिष के अनुसार नवरात्रि का पहला दिन कलश स्थापना के लिए शुभ समय होता है। घर के पूजा स्थल या साफ-सुथरी जगह पर कलश स्थापित करना सबसे अच्छा माना जाता है।
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