Maulana Arshad Madni : नूहं हिंसा पर बोले जमीयत अध्यक्ष अरशद मदनी, साम्प्रदायिक की साजिश का लगाया आरोप
Published By Roshan Lal Saini
Maulana Arshad Madni सहारनपुर : हरियाणा के नूहं मेवात में हुई साम्प्रदायिक हिंसा और मुंबई-जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में RPF के जवान द्वारा ASI समेत तीन निर्दोष मुस्लिम यात्रियों की निर्मम हत्या पर जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अफ़सोस व्यक्त किया है। जमीयत-उलमा-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 9 साल से सांप्रदायिक ताकतों की ओर से देश में नफरत की फसल उगाई जा रही है। हरियाणा के नूंह में हुई अफसोसनाक घटना उसी का परिणाम हैं। मौलाना मदनी ने नूह में हुई सांप्रदायिक हिंसा को शासन प्रशासन की बड़ी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि वहां के प्रशासन को नासिर और जुनैद की हत्या के फरार मुख्य आरोपी की गति विधियों की पूरी जानकारी थी।
नूह में निकलने वाली धार्मिक यात्रा के सम्बंध में न सिर्फ भड़काऊ वीडीयो सोशल मीडीया पर अपलोड कर रहा है बल्कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस यात्रा में शामिल होने की अपील भी गई थी। बावजूद इसके पुलिस और प्रशासन ने यात्रा से पहले सावधानी नहीं बरती और न ही यह पता लगाने का कोशिश की कि मनु मानेसर किस जगह से वीडियो शेयर कर रहा है। Maulana Arshad Madni
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मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि यह यात्रा पिछले तीन साल से निकलनी शुरू हुई है। शासन प्रशासन को इस बात की पूरी जानकरी थी कि नूह और इसके आस-पास के इलाकों में मुस्लिम समाज अधिक संख्या में है। बावजूद इसके प्रशासन ने यात्रा से पहले किसी तरह की सावधानी नहीं बरती। प्रशासन को चाहिए था कि यात्रा में शामिल होने वालों को चेतावनी दी जाती कि वह भड़काऊ नारे न लगाऐं। लेकि पुलिस और प्रशासन ने ऐसा कोई काम नहीं किया। जिसके चलते वही सब हुआ जिस बात का डर था। नूह के गांव नलहड़ के मंदिर से शुरू हुई यात्रा जैसे ही मुस्लिम बाहुल्य इलाके में पहुंची तो यात्रा में बैठे कुछ धर्मं के ठेकेदारों ने न सिर्फ भड़काऊ भाषण देना शुरू कर दिया बल्कि हथियारों का प्रदर्शन भी शुरू कर दिया। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद ही से नूह और आसपास का पूरा इलाका स्थायी रूप से संवेदनशील बना हुआ है। अगर इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन ने जानबूझकर लापरवाही दिखाई तो क्या इसके उत्तरदायी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी नहीं होने चाहिएं। Maulana Arshad Madni
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प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसा के बाद अब जगह-जगह मुसलमानों की एकतरफा गिरफ्तारियां की जा रही हैं। जबकि यात्रा में शामिल होने आये लोग जब नूह से निकले तो उन्होंने सोहना और इसके आसपास के इलाकों के साथ गुरुग्राम के बादशाहपुर में चुनचुन कर एक समुदाय विशेष की दूकानों को आग के हवाले कर दिया। यहां तक कि दंगाइयों ने गुरुग्राम की एक मस्जिद में घुस कर सहायक इमाम की पीट-पीट कर हत्या कर दी और मस्जिद में आग लगा दी। मौलाना अरशद मदनी ने सवाल किया कि क्या यह जुर्म नहीं है? अगर यह जुर्म है तो फिर वहां अंधाधुंद एकतरफा कार्यवाइयां क्यों की जा रही हैं? नूह में जो कुछ हो रहा है वह पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। दंगाइयों की टोली की मनमानी और गुंडागर्दी का समय समाप्त होता हुआ दिखाई दे रहा है यही वजह है कि नफरत फैला कर धार्मिक हिंसा को हवा दी जा रही है। जिससे सहारे 2024 का लोकसभा चुनाव जीतना चाहते हैं। Maulana Arshad Madni
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मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुंबई-जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में हुई घटना और नूह में हुए दंगे की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहीए। मामलो में जो लोग दोषी पाए जाते है हैं उनके खिलाफ बिना भेदभाव किये सख्त कार्यवाई की जानी चाहिए। यह बात निःसंदेह याद रखी जानी चाहिए कि न्याय के दोहरे मापदण्ड से ही अराजकता और विनाश के रास्ता खुलते हैं। कानून का मापदण्ड सब के लिए एक जैसा होना चाहिए और धार्मिक रूप से किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए क्योंकि इसकी अनुमति न तो देश का संविधान देता है और न कानून।उन्होंने कहा कि हमारा हज़ारों बार का अनुभव है कि दंगा होता नहीं है बल्कि कराया जाता है। अगर प्रशासन न चाहे तो भारत में कहीं भी दंगा नहीं हो सकता, इसलिए ज़िला प्रशासन को जवाबदेह बनाया जाना ज़रूरी है क्योंकि अगर एस.एस.पी. और डी.एम. को यह डर रहे कि दंगे की स्थिति में स्वयं उनकी अपनी गर्दन में फंदा पड़ सकता है तो किसी के चाहने से भी कहीं दंगा नहीं हो सकता है Maulana Arshad Madni
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