Manipur Violence Kuki zo community

Manipur Violence Kuki zo community : कुकी समुदाय के शव दफ़नाने को लेकर फिर हुई हिंसा, पत्थरबाजी में 17 घायल 

Manipur Violence Kuki zo community : कुकी समुदाय के शव दफ़नाने को लेकर फिर हुई हिंसा, पत्थरबाजी में 17 घायल

Published By Anil Katariya

Manipur Violence Kuki zo community मणिपुर : मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा को 3 अगस्त तक यानि आज पुरे तीन महीने हो चुके हैं। बावजूद इसके मणिपुर के कई जिलों में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। गुरूवार को बिष्णुपुर जिले में मैतेई समुदाय और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हो गई। हालात इस कदर बेकाबू हो गए कि दोनों ओर से पत्थरबाजी हो गई। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। पत्थरबाजी में 17 लोग घायल हो गए।

Manipur Violence Kuki zo community

Manipur Violence Kuki zo community: मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिष्णुपुर में गुरूवार को मैतेई समुदाय की महिलाएं बफर जोन को पार करने की कोशिश कर रह थी। असम राइफल्स ने आक्रोशित महिलाओं की भीड़ को रोकने का प्रयास किया। जिसके बाद महिलाओं ने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। मामला इतना बढ़ गया कि महिलाओं की भीड़ को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़ गए। यही वजह रही कि राजधानी इंफाल और पश्चिमी इंफाल में लगाए गए कर्फ्यू में दी गई ढील को वापस ले लिया गया। इंफाल में एक बार फिर से लगाए गए कर्फ्यू में सख्ती बढ़ा दी गई। Manipur Violence Kuki zo community

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बता दें कि मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में गुरूवार की सुबह ही कर्फ्यू में 5 बजे से रात 8 बजे तक दी गई थी। लेकिन बिष्णुपुर में हिंसा के बाद दी गई छूट को वापस ले लिया गया। मणिपुर में भड़की हिंसा में तीन महीनो में अब तक 160 से ज्यादा लोग मौत के अघोष में जा चुके हैं। हालात ऐसे बने हुए हैं कि कई परिवार अपनों के शव भी लेने नहीं आ रहे। जिसके चलते कई लोगों के शव इंफाल और चुराचांदपुर के अस्पतालों की मॉर्च्युरी में रखे हुए हैं। हालांकि गुरुवार को चुराचांदपुर में कुकी समुदाय के 35 लोगों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाया जाना था लेकिन गृह मंत्रालय से बातचीत के बाद टाल दिया गया। कुकी समुदाय के सामाजिक संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के पदाधिकारियों के अनुसार चुराचांदपुर जिले के लम्का शहर के तुईबोंग शांति मैदान में इन शवों को दफनाना था। मणिपुर हाईकोर्ट ने इस जगह पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। Manipur Violence Kuki zo community

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इंफाल के इन दोनों अस्पतालों की मॉर्च्युरी में ही इंफाल घाटी में जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के कई शव रखे हुए हैं। किसी भी हिंसा को रोकने के लिए यहां असम राइफल्स, रैपिड एक्शन फोर्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सेना की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं। इंफाल में अपुम्बा तेन्बांग लुप, पात्सोई विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं ने 26 दिन बाद 2 किशोरों का पता नहीं लगा पाने के विरोध में प्रदर्शन किया। 3 मई को हिंसा फैलने के बाद से राज्य में दो पत्रकारों और दो किशोरों समेत 27 लोग लापता हैं। मोरेह से सुरक्षा बल हटाने को लेकर गुरुवार को 12 घंटे का कंग्पोक्पी बंद रहेगा। Manipur Violence Kuki zo community

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चुराचांदपुर के बुलजंग गांव में सेरीकल्चर फार्म वाला इलाका सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील है। यह इलाका टकराव वाले मैतेई और कुकी समुदाय की सीमा में है। लेकिन इस जगह सरकार के स्वामित्व में है। हालाँकि स्थानीय अधिकारियों ने अनुरोध किया है कि अंतिम संस्कार की व्यवस्था दूसरी जगह की जाए। परन्तु इसके लिए ITLF इसे मानने को राजी नहीं है। कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी (कोकोमी) ने तोरबुंग में सामूहिक अंतिम संस्कार न करने की मांग की है। कोकोमी और मैतेई समुदाय की महिलाओं ने कहा है कि जिस जगह का जिक्र किया जा रहा है, वहां मैतेई आबादी है। हमलावरों ने हिंसा फैलने के बाद वहां से उन्हें भगा दिया था। Manipur Violence Kuki zo community

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गुरूवार को हंगामा कर रही मैतेई समुदाय की महिलाओं का कहना है कि यहां कुकी समुदाय के लोगों के शव दफनाए जाने से मैतेई का अपमान होगा। इसलिए हम इस जगह पर कुकी कब्रिस्तान नहीं बनने देंगे। चाहे इसके लिए उन्हें खतरनाक प्रतिक्रिया ही क्यों ना देनी पड़ जाये। विकल्प में मृतकों को चुराचांदपुर के कब्रिस्तानों में या फिर जिले के दूसरी जगहों पर भी दफनाया जा सकता है। मणिपुर वुमेन कन्वेंशन (MWC) ने भी इसी तरह की चेतावनी दी है। Manipur Violence Kuki zo community

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