सहारनपुर : राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने आज सहारनपुर के नंदी गांव में किसान पंचायत में शिरकत की। जहां उन्होंने किसानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों को एकजुट होकर अपनी समस्याओं के लिए संघर्ष करना होगा। सरदार वीएम सिंह ने दावा किया कि 2027 और 2029 में किसान सरकार बनाएंगे। यानि अब किसान राजनितिक पार्टियों के सामने अपने प्रत्याशी उतार कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। किसानों की सरकार होगी तो किसानों की समस्याओं का समाधान भी आसानी से हो पायेगा। एमएसपी पर फसल खरीदे जाने से ही किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। गन्ने का मूल्य कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाना चाहिए।
आपको बता दे कि शनिवार को गांव नंदी में आयोजित किसान पंचायत आयोजित की गई। किसान पंचायत में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों के अच्छे दाम मिलेंगे तो मजदूरी भी बढ़ेगी। इस पैसे का इस्तेमाल बाजार में खरीद के लिए किया जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी के लिए किसानों को एकजुट होना होगा। Kisan Sarkar
27 वर्षों से किसानों को बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज दिलाने के लिए संघर्ष चल रहा है, जो करीब 15 हजार करोड़ रुपये बनता है। सरकार सम्मान निधि देने के नाम पर किसानों को सालाना छह हजार रुपये दे रही है, अगर बकाया पर ब्याज मिले तो किसान को प्रति एकड़ 50 से 60 हजार रुपये मिल सकते हैं। ब्याज देने के मामले में सरकार कहती है कि अगर इतना पैसा दिया तो मिलें बंद हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि किसानों के इतने संगठन हैं कि अगर किसी को जिला अध्यक्ष पद से हटा दो तो वह अपना संगठन बना लेता है और सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाता है। ऐसे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं जिन्होंने कभी खेती भी नहीं की, उनसे हम क्या उम्मीद कर सकते हैं। अपने संबोधन के दौरान मस्जिद में अजान बजने पर उन्होंने अपना भाषण रोक दिया। इसके बाद ही उन्होंने किसानों को संबोधित किया। अध्यक्षता चरण सिंह ने की। Kisan Sarkar
किसानों को पार्टी बनाकर चुनाव लड़ना चाहिए सरदार वीएम सिंह ने कहा कि राजनीतिक दलों से जुड़े नेता किसानों की उपेक्षा कर रहे हैं। किसानों के वोट से चुनाव जीतने वाले नेता उनकी समस्याओं का समाधान करने में उनकी मदद नहीं कर रहे हैं। पहले वोट देकर सरकार बनाते हैं और फिर किसानों को अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए धरने पर बैठना पड़ता है। इसलिए किसानों को अपनी राजनीतिक पार्टी बनाकर एमपी, एमएलए का चुनाव लड़ना चाहिए और किसान विरोधी नेताओं को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। किसानों को एमएसपी पर फसलों की खरीद के साथ-साथ दूध की खरीद की गारंटी दी जानी चाहिए। Kisan Sarkar
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