Saharanpur News : दारुल उलूम ने गजवा ए हिन्द को वैधता का किया फतवा जारी, एनपीसीआर के निर्देश पर होगी कार्रवाई
Published By Anil Katariya
Saharanpur News : फतवों की नगरी दारूल उलूम देवबंद एक बार फिर सुर्खियों में बना हुआ है। दारुल उलूम देवबंद ने गजवा ए हिंद को वैधता देने वाला फतवा जारी किया। जिसके बाद NPCR ने कार्यवाई के निर्देश दिए हैं। दारूल उलूम देवबंद विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान के साथ-साथ देश में मदरसों को संचालित करने वाली सबसे बड़ी संस्था है। जहां भारत, पाकिस्तान व बांग्लादेश में इससे संबंद्ध मदरसे संचालित हैं जिनमें लाखों मुस्लिम छात्र इस्लामिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। गजवा ए हिन्द को लेकर दिए गए फतवे पर हिन्दू संगठनों ने भी आपत्ति जताई है।
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आपको बता दें कि 2015 में दारुल उलूम देवबंद से किसी व्यक्ति ने गजवा-ए-हिंद को लेकर फतवा मांगा था। जिस पर दारुल उलूम ने अपने जवाब में पुस्तक सुन्नत-अल-नसाई का हवाला दिया था। जिसमें कहा गया था कि गजवा-ए-हिंद को लेकर इसमें पूरा एक अध्याय है। जिसमे गजवा-ए-हिंद को इस्लाम के नजरिए से जायज करार दिया गया है। दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग ने गजवा ए हिंद को लेकर वेबसाइट पर फतवा डाला है। फतवे में इस्लामिक संगठन वैध करार दिया है। जबकि बाल संरक्षण आयोग ने गजवा ए हिन्द को देश विरोधी बताया है। Saharanpur News
NPCR ने इस विवादित फतवे का संज्ञान लिया है। दारुल उलूम के इस फतवे के खिलाफ NPCR (केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग) द्वारा सहारनपुर डीएम और एसएसपी को पत्र भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सहारनपुर डीएम दिनेश चंद्र ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है बाल संरक्षण आयोग के पत्र के आधार पर देर शाम तक नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी। डीएम दिनेश चंद्र ने बताया पत्र के संबंध में उच्च अधिकारियों को दारुल उलूम देवबंद में भी भेजा गया है। डीएम ने बताया कि शाम तक पूरे मामले में कार्रवाई कर बाल संरक्षण आयोग को रिपोर्ट भेजी दी जाएगी। Saharanpur News
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दरअसल, गजवा-ए-हिंद का मतलब भारत पर आक्रमण है। इस इस्लामिक संगठन को लेकर हदीस के हवाले से दिए गए जवाब पर इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद करीब 10 साल बाद सवालों के घेरे में आ गया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने वेबसाइट के माध्यम से दिए गए फतवे को आधार बनाकर इसको राष्ट्र विरोधी बताते हुए डीएम सहारनपुर और एसएसपी को जांच करने के निर्देश दिए हैं। जिसके चलते गुरुवार को देवबंद एसडीएम अंकुर वर्मा और सीओ अशोक सिसोदिया ने फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद के प्रबंधन से इस संबंध में पूछताछ की है। जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद उच्चाधिकारियों की ओर से मामले में कार्रवाई तय मानी जा रही है। Saharanpur News
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केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सहारनपुर डीएम और एसएसपी को पत्र भेज कर दारुल उलूम के खिलाफ कार्यवाई के निर्देश दिए हैं। आयोग के निर्देशानुसार गुरुवार को एसडीएम अंकुर वर्मा और सीओ अशोक सिसोदिया उच्चाधिकारियों के निर्देश पर दारुल उलूम पहुंचे। यहां उन्होंने संस्था के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी और नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी से मुलाकात की। संस्था के दोनों जिम्मेदारों ने अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखा। Saharanpur News
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दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि 2015 में पूछे गए सवाल पर हदीस में जो लिखा है वहीं नकल कर बताया गया है। इसमें आज के लिए नया कुछ भी नहीं है। हैरत की बात ये हैं कि इस मामले में अधिकारियों ने मौखिक रूप से सवाल किये और उनका जवाब भी मौखिक ही मिला। दारुल उलूम प्रबंधन ने पूछताछ में बताया कि 711 ईसवी से लेकर 713 ईसवी तक सिंध में मोहम्मद बिन कासिम के जमाने में गजवा-ए-हिंद हुआ था। यह एक इतिहास है और इतिहास को बयान करना कोई गुनाह नहीं हो सकता। Saharanpur News
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राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से इस संबंध में पत्र मिला है, जिसमें फतवे में दिए जवाब को बच्चों के अधिकारों का हनन और कानून के खिलाफ बताया गया है। दारुल उलूम के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जो भी इसके उत्तरदायी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. दिनेश चंद्र, डीएम
उधर, बजरंग दल के प्रांत संयोजक विकास त्यागी ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि पूरे मामले में कडी कार्रवाई दारूलउलूम देवबंद के विरुद्ध होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया उक्त संस्था द्वारा भारत ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्माद की विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले में सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की। – विकास त्यागी, प्रांत संयोजक बजरंग दल