Life Sentence for Killer Wife : प्रेमी के साथ मिलकर दिव्यांग पति को लगाया था ठिकाने, क़ातिल पत्नी के साथ प्रेमी को हुई उम्र कैद
Published By Roshan Lal Saini
Life Sentence for Killer Wife सहारनपुर : एक ओर जहां पश्चमी उत्तर प्रदेश में रिश्तों को तार-तार करने वाली घटनाये सामने आती रही हैं वहीं रिश्तों का क़त्ल भी होता रहा है। कहीं बहु बेटियों की ईजत के साथ खिलवाड़ होता रहा तो कहीं अपने ही अपनों को मौत के घाट उतारते रहे हैं। प्रेम संबधों के चलते पति की हत्या के आरोप में अदालत ने क़ातिल पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोप सिद्ध होने पर अदालत ने दोनों पर 50-50 हजार रूपये का आर्थिक दंड भी लगाया है। क़ातिल पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर 2009 में दिव्यांग पति ह्त्या कर शव को ठिकाने लगा दिया था।
आपको बता दें कि थाना चिलकाना इलाके के गाँव बरथा कायस्त पठेड निवासी रिजवान दिव्यांग था। जिसका फायदा उठाकर रिजवान की पत्नी दिलशाना गांव के ही रहने वाले आबिद के साथ प्रेम की पींघे भर रही थी। दिव्यांग रिजवान की पत्नी दिलशाना छिप छिप कर मिलते थे। इसकी जानकारी रिजवान को हुई उसने दिलशाना को समझाने किया लेकिन उसने आबिद से मिलना बंद नहीं किया। जिसको लेकर रिजवान और दिलशाना के बीच आये दिन झगड़ा भी होने लगा था। मामला इतना बढ़ गया कि दिलशाना ने प्रेमी आबिद के साथ मिलकर पति रिजवान को रास्ते से हटाने की ठान ली। परिजनों के मुताबिक़ 3 दिसंबर 2009 की रात में दिव्यांग रिजवान की पत्नी दिलशाना ने प्रेमी आबिद को अपने घर बुला लिया। जहां दोनों ने मिलकर न सिर्फ उसकी हत्या कर दी बल्कि शव को गांव के बाहर ले जाकर ठिकाने लगा दिया था। Life Sentence for Killer Wife
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4 दिसंबर 2009 को रिजवान के भाई ईनाम ने थाना चिलकाना में तहरीर देकर गुमसुदगी दर्ज कराई और उसको सब जगह तालश किया लेकिन रिजवान का कोई सुराग नहीं मिला। हैरान करने वाली बात तो ये है कि पति का क़त्ल करने वाली दिलशाना भी पति गुम होने पर रोने-बिलखने का नाटक करती रही। एक सपताह बाद जब रिजवान का कुछ पता नहीं चल पाया तो गांव के ही कुछ लोगों ने मृतक के भाई ईनाम को बताया कि 7 दिसंबर की रात को वे काम से लौट कर घर आ रहे थे तो उस दिन गांव का ही रहने वाला आबिद अपने कंधे पर आधी रात में बोरा रखकर गांव से बाहर जा रहा था और पूछने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। Life Sentence for Killer Wife
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सहायक शासकीय अधिवक्ता अमित त्यागी ने बताया कि मृतक रिजवान के भाई ईनाम ने 12 दिसंबर को थाना पुलिस को दूसरी तहरीर दी थी। जिसमे ईनाम ने रिजवान की हत्या कर शव ठिकाने लगाने का आरोप लगाया था। तहरीर में बतया कि गांव के दो लोगों ने जानकारी दी है कि 7 दिसंबर की आधी रात को उन्होंने कंधे पर एक बोरा लादकर ले जाते हुए देखा था। तहरीर आधार पर पुलिस ने दिलशाना और आबिद को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल करना पड़ा। Life Sentence for Killer Wife
पुलिस पूछताछ में आबिद ने बताया कि दिव्यांग रिजवान की पत्नी दिलशाना और आबिद के बीच साथ नाजायज संबंध हैं। रिजवान की पत्नी दिलशाना ने पूछताछ में बताया कि अवैध सबंधो के चलते उसने आबिद के साथ मिलकत अपने पति रिजवान की हत्या कर दी और 7 दिसंबर की रात में शव को गांव के बाहर जंगल में छिपा दिया था। पुलिस ने आबिद की निशानदेही पर गांव रघुनाथपुर के खेतों के पास के एक कुंए से रिजवान के शव बरामद कर लिया। पुलिस ने जांच के बाद आबिद और दिलशाना के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसके चलते अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषी करार देते हुए आबिद और रिजवान की पत्नी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दिव्यांग पति की हत्या का दोष सिद्ध हो जाने पर पत्नी और उसके प्रेमी को अपर सत्र न्यायाधीश आलोक शर्मा ने आजीवन कारावास के साथ 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। Life Sentence for Killer Wife
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