सहारनपुर : नष्ट किए गए तमंचों, कैद और चाकूओं को पुलिस ने 1987 से संभालकर रखा हुआ था। अब एक झटके में इन्हे नाश्ता कर दिया गया। सहारनपुर पुलिस ने रविवर को हथियारों का एक बड़ा जखीरा नष्ट करा दिया। इस जखीरे में 1300 से अधिक तमंचे और 2300 से अधिक शुल्क थे। इनके अलावा 2861 चाकू छुरी और तलावर भी थे। सभी पर जंग लगा हुआ था। ये अवैध होने के चलते नष्ट हो गए हैं। इनका उपयाेग किसी भी तरह से गैर कानूनी था। अदालत के आदेश पर करें फैसला, आप सोच रहे होंगे कि इतने तमंचे और सजाएं कहां से? आपके जहां में उठ रहा है सवाल बिल्कुल जायज है।
दअरसल ये सभी हथियार चेकिंग में पकड़े हुए थे। जब पुलिस किसी को पकड़ती है तो उससे बरामद होने वाले हथियार को मालखाने में रख लिया जाता है। जब यह मामला अदालत में चलता है तो अदालत में पुलिस को बरामद हथियार लेकर जाना होता है और दिखाना होता है कि ये हथियार अरोपी से मिला था। इस तरह एक के बाद एक मालखाने में इनकी संख्या बढ़ती जाती है। अब सदर मलखाने से इन तमंचों को नष्ट किया गया। इसके लिए अदालत से अनुमति ली गई।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ये सभी अवैध हथियार पुलिस ने 1987 से संभालकर रखे हुए थे। अब अदालत के आदेश पर 1987 से वर्ष 2000 तक जितने भी अवैध हथियार पकड़े गए उन सभी को नष्ट कर दिया गया है। साल 2000 के बाद पुलिस ने जो भी हथियार पकड़े और बरामाद की वो सभी अभी तक संभालकर रखे हुए हैं। अदालत का कहना है कि इन्हें नष्ट नहीं किया जा सकता। इनाम से अधिकाँश के मुकादमें अभी भी अदालत में विचाराधीन हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस कुछ भी कर सकती है। इसका ताजातरीन उदाहरण सहारनपुर में देखने को मिला, जहां पुलिस ने पीछे 38 सालों से हथियार के नाम पर जामा कबाड़ को नष्ट किया। इसमें कई कारतूस, तमंचे और चाकू-छुरी शामिल है। Saharanpur News
भारत में पुलिस अब काफी एडवान्स हो गई है। चोरों के अंदर खौफ और डर का माहौल भुगतान करने के लिए पुलिस विभाग को नवीनतम हथियारों से पता चलता है। रिवोल्वर से लेकर कारतूस भी लेटेस्ट जमाने वाले आ जाते हैं। लेकिन लगता है यूपी पुलिस को अभी भी पुराने हथियारों का ही इस्तेमाल करना पसंद है। शायद इसलिए उन्होंने 1987 के जमाने के हथियार अभी भी अपने पास जमा कर रखे थे। सहारनपुर पुलिस के पास से 1987 के हथियारों का जखीर मिला, जिसे अब जाकर नष्ट करवाया गया है। इतने सालों से पुलिस विभाग इन्हें सहज कर रखे थे। इसमें ऐसे-ऐसे हथियार भी शामिल हैं, जिनपर अब जंग लग गई थी।
इनमें हजारों की संख्या में कारतूस, बड़ी मात्रा में तमंचे शामिल हैं। अगर इनका अब इस्तेमाल किया जाता तो बड़ा हादसा भी हो सकता था। लेकिन सहारनपुर पुलिस के इस खजाने को नष्ट करवा दिया गया। इसका इस्तेमाल करना गैर कानूनी था। सहारनपुर पुलिस को विभाग की तरफ से नए हथियार सप्लाई की जाते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि उनके पास इतने पुराने हथियार आए कहां से? Saharanpur News