सहारनपुर : रंगो के त्यौहार होली को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। होली खेलने के लिए बाजार में विभिन्न प्रकार के रंग-गुलाल आ चुके हैं। रासायनिक और कॉमिकल युक्त रंगों से होली खेलने से आपकी त्वचा और स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। वहीं सहारनपुर के एक किसान ने ऐसा गुलाल तैयार किया है जिसे लगाने पर न सिर्फ कोई नुकसान होगा, बल्कि अगर गलती से गुलाल आपके मुंह में चला भी गया तो भी आपको कोई नुकसान नहीं होगा।
लंबे समय से जैविक सब्जियों की खेती कर रहे किसान आदित्य त्यागी के मन में घर पर ही अपनी पोतियों के लिए रंग बनाने का विचार आया। उन्होंने अपने खेत में उगाई गई जैविक सब्जियों से तरह-तरह के रंग तैयार कर लिया। जिसके बाद इसमें अरारोट मिलाकर इसे गुलाल का रूप दिया गया। अब यह पूरी तरह से गुलाल जैसा दिखता है। जैविक तरीके से तैयार किए गए इस गुलाल की डिमांड आने लगी है।
आपको बता दें कि होली के मौके पर कैमिकल वाले रंग बाजार में आ जाते हैं। ये रंग जहां युवाओं की त्वचा को नुकसान पहुंचा देते हैं वहीं बच्चों मुंह में चले जाने से उनके स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं। यही वजह है कि सहारनपुर के किसान आदित्य त्यागी ने शुद्ध ऑर्गेनिक रंग बनाने का मन बनाया। आदित्य त्यागी ने बताया कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। उनके घर ढ़ाई-ढाई साल की दो पोतियां हैं जो उनके साथ ही रहती हैं जबकि उनका बेटा जर्मनी में रहता है। ऐसे में होली का त्योहार नजदीक है तो उन्होंने सोचा कि दोनों पोतियां भी होली खेलेंगी, लेकिन बाजार में जो रंग उपलब्ध हैं, उनमें क्या है, यह कोई नहीं जानता।
रासायनिक और कैमिकल युक्त रंग लगाने से त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है और मुंह में जाने से सेहत को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्यों न अपने खेत में उगाई गई ऑर्गेनिक सब्जियों से ही रंग तैयार किया जाए। उन्होंने चुकंदर से लाल रंग, पालक से हरा रंग, केसू के फूल, चुकंदर और हल्दी को मिलाकर पीला रंग बनाया। फिर अरारोट का बेस बनाकर गुलाल तैयार किया।
आदित्य त्यागी का कहना है कि उनके द्वारा तैयार किया गया यह गुलाल किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाता है चाहे इसे चेहरे पर लगाया जाए या फिर खाया जाए तो भी कोई नुकसान नहीं है क्योंकि यह पूरी तरह से ऑर्गेनिक है और इसमें खाने की चीजों का इस्तेमाल किया गया है। रंग बनाने के बाद उन्होंने अपने दोस्तों और परिचितों को बताया तो वे भी इसकी मांग करने लगे।
अभी तक आदित्य त्यागी 15 से 20 किलो गुलाल बेच चुके हैं और लोगों को बाजार से सस्ते दामों पर यह गुलाल उपलब्ध करा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें पैसे कमाने की चाहत नहीं है लेकिन उन्हें इस बात का सुकून है कि वह लोगों को कुछ अच्छा दे रहे हैं जिससे कोई नुकसान नहीं है और वह मांग के अनुसार और गुलाल भी तैयार कर रहे हैं। आदित्य त्यागी ने रंग को खाकर भी दिखाया और हमें भी खिलाया। वाकई में इसको खाने से कोई नुकसान नहीं है।