सहारनपुर : 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बोटी-बोटी करने वाले बयान को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। ग्रामीणों के बयान होने के बाद सांसद इमरान मसूद के खिलाफ आरोप तय है। जिसके चलते सांसद इमरान मसूद और समर्थकों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि इमरान मसूद अपने इस बयान को लेकर कई बार माफी भी मांग चुके हैं बावजूद इसके 12 साल बाद चुनाव जीते इमरान मसूद की सांसदी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
आपको बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले सांसद इमरान मसूद के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है। इमरान मसूद ने 10 साल पहले यानी 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त थाना देवबंद इलाके के लबकरी गांव में विवादित बयान दिया था। इमरान मसूद ने कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी यहां आएंगे तो उनके बोटी-बोटी कर दी जाएगी। इमरान ने कहा था कि गुजरात में चार प्रतिशत और सहारनपुर में 42 फीसदी मुसलमान हैं। अगर नरेंद्र मोदी यहां आएंगे तो उसकी बोटी-बोटी कर दी जाएगी। 2014 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री तो थे ही साथ भाजपा ने पीएम पद के चेहरे के रूप में भी उतारा था। UP Politics
17 साल बाद जीते इमरान मसूद, खत्म किया 40 साल से पड़ा कांग्रेस का सूखा
सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में देवबंद के लबकरी गांव में इमरान मसूद ने कहा था कि गुजरात में चार फीसदी और सहारनपुर में 42 फीसदी मुसलमान हैं। अगर नरेंद्र मोदी यहां आएंगे तो उनके बोटी-बोटी कर दिए जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी को बोटी-बोटी करने के बयान को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है।
विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए मोहित शर्मा की कोर्ट में 19 ग्रामीणों के बयान दर्ज किए गए। कोर्ट ने आरोप तय कर दिए। दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान इमरान मसूद ने गुजरात के पूर्व सीएम और भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था। तब इमरान मसूद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने बसपा के दो विधायकों को लेकर भी अभद्र टिप्पणी की थी। UP Politics
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इस मामले में 27 मार्च 2014 को तत्कालीन कोतवाली देवबंद प्रभारी कुसुम वीर सिंह ने सांसद के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन करने, माहौल खराब करने की कोशिश करने और अनुसूचित जाति के विधायकों के बारे में जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इमरान मसूद को जेल भी जाना पड़ा था। यह घटना उन दिनों सुर्खियों में रही थी। इसे लेकर देश की सियासत गरमा गई थी।
पूरे भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए मोहित शर्मा की अदालत ने मामले में आरोप तय कर दिए हैं। सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक गुलाब सिंह मामले की पैरवी कर रहे हैं। अब मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए की अदालत में होगी। UP Politics
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