सहारनपुर : एक ओर जहां बढ़ती दहेज़ की मांग के चलते बेटियों की शादी कर पाना मुश्किल होता दिख रहा है दहेज़ की आग में हजारों बेटियां जल रही हैं। वहीँ सहारनपुर के विवास राणा नाम के युवक ने दहेज़ में मिले 31 लाख रूपये न सिर्फ वापस कर दिए बल्कि नारियल और एक रूपये का सिक्का लेकर शादी की रस्में निभाई हैं। दहेज़ में मिलने वाली मोटी रकम ना लेकर विकास राणा ने समाज के लिए एक मिशाल तो पेश की ही है साथ ही ऐसे दहेज़ लोभियों के के मुंह पर तमांचा भी है जो बेटे की शादी के लिए दहेज़ की सौदेबाजी करते हैं। विकास राणा के इस कदम की यूपी में ही नहीं हरियाणा में भी खूब सराहना हो रही है।

आपको बता दें कि कैराना लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके नानौता इलाके के गांव भाबसी रायपुर निवासी श्रीपाल राणा के पुत्र एडवोकेट विकास राणा की शादी हरियाणा के गांव लुक्खी निवासी अग्रिका तंवर के साथ तय हुई थी। विकास राणा 30 अप्रैल को बारात लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र पहुंचे थे। जहां एक होटल में शादी समारोह आयोजित किया गया था। घराती और बाराती विभिन्न्न प्रकार के व्यंजनों का आनंद ले रहे थे।
शादी समारोह में दुल्हन के परिजनों ने टीका के समय दूल्हे को शगुन के तौर पर 31 लाख रुपये नगद दिए। लेकिन दूल्हा बने विकास और उसके परिजनों ने दहेज को सामाजिक बुराई बताते हुए दहेज़ लेने से इंकार कर दिया और वापस रुपये लौटा दिए। दूल्हा विकास ने बताया कि दहेज़ लेना और देना सामाजिक बुराई है। मेरे लिए दुल्हन ही दहेज़ है।
उधर दूल्हे के पिता श्रीपाल राणा ने बताया कि उनका बेटा विकास राणा कर्नाटक हाईकोर्ट में वकील है, जबकि पुत्रवधू अग्रिका तंवर पोस्ट ग्रेजुएट है। डीसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन कृष्ण कुमार पुंडीर, राजपूत सभा नानौता के पूर्व अध्यक्ष रामभूल सिंह पुंडीर, पूर्व प्रधान नेत्रपाल सिंह चौहान, भाजपा जिला उपाध्यक्ष अजीत सिंह राणा, राकेश पुंडीर, चीनी मिल निदेशक संजय वीर राणा, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज राणा, हितेंद्र राणा, गोपाल राणा ने विकास राणा की इस पहल की सराहना की और इसे युवाओं के लिए प्रेरणा बताया। Saharanpur News
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