आपको बता दें कि केंद्रीय प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGP) से मिली जानकारी के अनुसार देशभर की आईटीआई में विभिन्न प्रकार के ट्रेडों की 26 लाख सीटें हैं, इसके बावजूद प्रवेश 12 से 14 लाख तक ही पहुंच पा रहा है। ऐसे में हर साल 12 लाख से अधिक सीटें खाली रह जा रही हैं। जिसका दबाव अब आईटीआई कॉलेजों पर साफ तौर पर दिखने लगा है। बीते सालों में केंद्रीय प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGP) ने 814 आईटीआई संस्थानों की संबद्धता समाप्त की है। दरअसल, पिछले 5 सालों के दौरान देशभर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 4.49 लाख सीटों वाली 21 हजार 69 रिक्त इकाइयों की संबद्धता समाप्त की गई है।
राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद के विशेष सचिव अभिषेक सिंह ने बताया कि युवाओं के कौशल विकास और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देने के लिए सरकार ने तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया है। प्रदेश की 286 ITI में 1.90 लाख से ज्यादा सीटें हैं। 47 आईटीआई में महिला शाखाएं चलाई जा रही हैं। 12 संस्थान पूरी तरह महिलाओं को समर्पित हैं। उन्होंने बताया कि 250 आईटीआई को अपग्रेड करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। केंद्र ने बजट में आईटीआई को अपग्रेड करने की घोषणा की है। कौशल विकास मंत्री ने अफसरों को सबसे कम दाखिले वाले ट्रेड को बंद करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उनकी जगह नए ट्रेड शुरू करने को कहा गया है। बंद होने वाले ट्रेडों के स्थान पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स व अन्य अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई जा रही है।
राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद के विशेष सचिव ने बताया कि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) अलीगंज में टीटीएल लैब (टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड लैब) स्थापित होने जा रही है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि छात्रों को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण मिलेगा जो कंपनी के विशेषज्ञों द्वारा दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण के दौरान भाग लेने वाले छात्रों को कंपनी एक निश्चित वित्तीय वजीफा देगी और योग्य छात्रों का चयन भी कंपनी के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लखनऊ के अलीगंज आईटीआई में पहली बार ऐसी लैब स्थापित की जा रही है, जिसके बाद प्रदेश की 289 आईटीआई में इसे खोलने की योजना है।
आईटीआई के ट्रेनिंग प्लेसमेंट काउंसलिंग सेल के एमए खान का कहना है कि तकनीक को लगातार अपडेट किया जा रहा है। जब तक हम एक मशीन लाते हैं, तब तक कंपनियों में दूसरी अपडेटेड मशीन आ जाती है, जिससे छात्रों का हुनर पूरी तरह निखर नहीं पाता। टीटीएल लैब स्थापित कर इस समस्या का समाधान किया जाएगा। इसका विस्तार प्रदेश के अन्य सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में भी किया जाएगा। इसके अलावा पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को 6 महीने के लिए कंपनी के विभिन्न ट्रेडों में भेजा जाएगा, जहां वे मशीनों से सीधे सीखेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान कंपनी छात्रों को उचित मानदेय भी देगी। साथ ही उन्हें प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी मिलेगा।
168 ट्रेड में दी जाती है ट्रेनिंग: देशभर की आईटीआई में छात्रों को 168 ट्रेड में दक्ष बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है, वहीं उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां विभिन्न आईटीआई में करीब 80 से 82 ट्रेड संचालित होते हैं। इन ट्रेड में ट्रेनिंग की अवधि 6 महीने से 2 साल तक की होती है। हर साल ट्रेनिंग के लिए एडमिशन कोर्स की मांग पर निर्भर करते हैं। कुछ कोर्स की मांग हर साल बनी रहती है, जिसमें हर साल नामांकन में सुधार होता है, जबकि अन्य कोर्स में कम आवेदन आते हैं या आवेदनों की संख्या लगातार कम होती जा रही है, जिससे सीटें खाली रह जाती हैं। पूरे देश में इस समय 14642 आईटीआई संचालित हैं, जिनमें से 3316 सरकारी आईटीआई और 11296 निजी आईटीआई हैं। अगर यूपी की बात करें तो यहां करीब 3000 आईटीआई हैं, जिनमें से सरकारी आईटीआई की संख्या सिर्फ 289 है।