split in Imrans house : बसपा नेता इमरान मसूद के परिवार में फूट, बहन ने भाभी बसपा प्रत्याशी खदीजा मसूद पर लगाए गंभीर आरोप
Published By Roshan Lal Saini
split in Imrans house सहारनपुर : निकाय चुनाव में बसपा नेता इमरान की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही है। आये दिन इमरान मसूद पर नया संकट मंडरा रहा है। जहां दूसरी पार्टियों के कार्यकर्ताओं द्वारा मुकदमे दर्ज कराए जा रहे है वहीं अब सहारनपुर में बसपा को पुनर्जन्म देने वाले कद्दावर मुस्लिम नेता (Imran Masood) इमरान मसूद के परिवार में आपसी फूट बाहर आ गई है। इमरान मसूद की बहन और पूर्व केंद्रीय मंत्री मरहूम रशीद मसूद की बेटी शाजिया मसूद ने न सिर्फ अपनी ही भाभी बसपा प्रत्याशी खदीजा मसूद पर गंभीर आरोप लगाए हैं बल्कि मेयर प्रत्याशी अपनी ही भाभी को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
शाजिया मसूद ने बताया है हाईकोर्ट की रूलिंग के हिसाब से अगर किसी ने धर्म बदल लिया है तो पूर्व के धर्म एवं जाति का फायदा नही उठा सकती है। यह नियम उनकी भाभी बसपा प्रत्याशी खदीजा मसूद पर भी लागू होता है। शादी से पहले खदीजा हिंदू थी और उनका नाम गरिमा सिंह था और उन्होंने नॉमिनेशन के टाइम पर पर्चा खदीजा मसूद नाम से भरा है और सारे लीगल डॉक्युमेंट्स गरिमा सिंह के नाम से फाइल किए गए हैं। जिससे उनका पर्चा अपने आप ही खारिज हो जाता है।
शाजिया मसूद ने बताया है हाईकोर्ट की रूलिंग के हिसाब से अगर किसी ने धर्म बदल लिया है तो पूर्व के धर्म एवं जाति का फायदा नही उठा सकती है। यह नियम उनकी भाभी बसपा प्रत्याशी खदीजा मसूद पर भी लागू होता है। शादी से पहले खदीजा हिंदू थी और उनका नाम गरिमा सिंह था और उन्होंने नॉमिनेशन के टाइम पर पर्चा खदीजा मसूद नाम से भरा है और सारे लीगल डॉक्युमेंट्स गरिमा सिंह के नाम से फाइल किए गए हैं। जिससे उनका पर्चा अपने आप ही खारिज हो जाता है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा की ये बीजेपी का बहुत बड़ा षड्यंत्र है बीजेपी ने ना इसको उजागर और ना ही इसको रोका क्योंकि उनके हिसाब अगर 2 मुस्लिम कैंडिटेंट चुनाव लड़ते है तो बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा।
वही शाजिया ने समाजवादी पार्टी को अपना सच्चा हमदर्द बताते हुए कहा की मुलायम सिंह ने हमारा हमेशा साथ दिया है। वो हर बुरे वक्त पर हमारे साथ रहे है हम उनका एहसान कभी नही भूल सकते। लेकिन उनके भाई शाजान मसूद और इमरान मसूद उनके अहसान को भूल चुके हैं। उन्होंने अपना समर्थन सहारनपुर से सपा मेयर प्रत्याशी नूर हसन मलिक को दिया है और उनके हक वोट करने की भी अपील की है।
परिवार की इस आपसी फूट में इमरान मसूद का राजनीतिक कैरियर पर संकट के बादल मंडराने लाज़मी हैं। जब अपनी ही बहन बागी हो जाये तो अन्य समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं को संभाल पाना भी मुश्किल हो सकता है। खैर इस चुनाव में सहारनपुर का मेयर कौन बनेगा यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन इमरान मसूद के परिवार की आपसी फूट ने चुनाव को ओर भी दिल चस्प बना दिया है। split in Imrans house
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