सहारनपुर : संभल हिंसा के बाद जहां सियासतदान अपनी सियासी रोटियां सेकने का काम कर रहे हैं वहीं धर्मगुरु इस हिंसा की निंदा कर रहे हैं। कुछ इस्लामिक संगठन हिंसा के लिए शासन-प्रशासन को जिम्मेदार बता रहे हैं तो कुछ संगठन धर्म गुरुओं पर युवाओं को धर्म के नाम पर भड़काने का आरोप लगा रहे हैं। जमीयत हिमायतुल इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी अबरार जमाल ने संभल हिंसा पर निंदा करते हुए कहा कि यह घटना निंदनीय है। इसकी भरपाई नहीं की जा सकती। लोग इस घटना को एक दिन की घटना के तौर पर देख रहे हैं। यह घटना एक दिन की नहीं है। यह गुस्सा रामलीला मैदान और गांधी स्टेडियम का है। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने युवाओं में नफरत फैलाई है। पुलिस प्रशासन, सरकार और सिस्टम को लेकर। युवाओं का वह गुस्सा बाहर आ रहा है।’
कारी अबरार जमाल का कहना है कि ‘इन युवाओं को धर्म के नाम पर इकट्ठा करके भड़काया जा रहा है। इसलिए ये अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हटते। ओवैसी हों, तौकीर रजा हों या मौलाना अरशद मदनी, ये कह रहे हैं कि बाहर आने का समय आ गया है। अब सड़कों पर उतरने का समय आ गया है।’ कारी अबरार जमाल ने एक मौलाना के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ‘वो कह रहे थे कि संसद आपकी है तो सड़क हमारी है। जो लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। संभल में 4-5 लोग मरे हैं। क्या ये लोग उनकी भरपाई करेंगे? जो मरे हैं, क्या वो किसी मां के बेटे नहीं हैं? जिन पुलिसकर्मियों को गोली लगी है, क्या वो हमारे भाई नहीं हैं? क्या वो इस देश के नागरिक नहीं हैं? दोनों पर चर्चा होनी चाहिए। अगर आपने मान लिया है कि हम मुसलमान हैं, तो हम मुसलमानों की बात करेंगे। अगर हम हिंदू हैं, तो हम हिंदुओं की बात करेंगे।’
उन्होंने कहा कि ‘न्याय पर चर्चा होनी चाहिए। जहां 4-5 मुसलमान मरे हैं। वहां एसएसपी के पीआरओ को भी गोली लगी है। कलेक्टर भी घायल हुए हैं। पथराव हुआ और कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। क्या ये पुलिसकर्मी आसमान से आते हैं? क्या इनकी मां इन्हें जन्म नहीं देती हैं। सभी चीजों पर चर्चा होनी चाहिए। जिस तरह से बेंगलुरु, पटना, दिल्ली और बिहार में बयानबाजी हो रही है। ये गुस्सा धीरे-धीरे बाहर आ रहा है। ये लोग इस देश को आग लगाना चाहते हैं। ये देश को आग लगाना चाहते हैं। जिस तरह से पुलिस ने संभल को आगजनी से बचाया, उससे बहुत नुकसान होने से बच गया।’ Sambhal Violence
‘अगर सरकार देश को आगजनी से बचाना चाहती है तो तौकीर रजा जैसे लोगों पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल में डाले। तभी देश में शांति का माहौल बन सकता है। वरना इनकी वजह से इतनी नफरत पैदा हो गई है। ये लोग वक्फ की संपत्ति खाते हैं। यतीमखाने की संपत्ति खाने वाले लोग। करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा करके बैठे हैं। कारी अबरार जमाल ने कहा-‘सहारनपुर में मौलाना अरशद मदनी के बेटे पर तीन एफआईआर दर्ज की गईं। उसे बचाने के लिए ये लोग मुस्लिम युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार चुप बैठी है। सरकार को इन लोगों पर कार्रवाई कर इन्हें जेल में डालना चाहिए। तभी देश में शांति का माहौल बन सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘मस्जिदों का सर्वे कोई नई बात नहीं है, पहले भी होता रहा है। सर्वे में कहीं भी यह नहीं लिखा था कि मस्जिद के ढांचे से छेड़छाड़ की जाएगी। जामा मस्जिद के प्रमुख ने झूठी अफवाह फैला दी थी कि तालाब खाली हो गया है। अब मस्जिद को नुकसान पहुंचाया जाएगा। इस अफवाह के कारण भीड़ जमा हो गई और पथराव की स्थिति पैदा हो गई।’ Sambhal Violence