संभल हिंसा : संभल हिंसा के बाद जहां प्रशासन उपद्रवियों के खिलाफ कार्यवाई कर रहा है वहीं हिंसा पर सियासत शुरू हो गई है। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और उनके पिता ममलुकुर्रहमान बर्क ने संभल हिंसा के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। सांसद ने कहा कि पुलिस ने सर्वे में जल्दबाजी कर माहौल बिगाड़ा, जबकि उनके पिता ने भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया। दोनों ने निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की।

संभल हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि संभल का माहौल पहले शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस कार्रवाई के कारण हिंसा भड़क गई। सांसद ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद पुलिस ने सर्वे करने में जल्दबाजी की, जिससे लोग भड़क गए।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का कहना है कि “मैं यूं ही कुछ नहीं कह रहा, मैं सबूतों के आधार पर कह रहा हूं कि इस हिंसा के पीछे पुलिस का हाथ है। कोर्ट के आदेश के बाद एक घंटे के अंदर ही सर्वे शुरू कर दिया गया। बाहर खड़े लोग सिर्फ यह जानना चाहते थे कि सर्वे क्यों किया जा रहा है। वे मौखिक जवाब चाहते थे, लेकिन पुलिस ने लाठी और गोली से जवाब दिया। सांसद ने कहा कि संभल हमेशा से सभी धर्मों के लोगों के बीच भाईचारे और शांति का प्रतीक रहा है। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन ने स्थिति को संभालने के बजाय और खराब कर दिया।

उधर सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता ममलुकुर्रहमान बर्क ने भी दंगे के लिए पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने भीड़ को भड़काया। इसके बाद ही भीड़ हिंसक हुई। इसमें पांच लोगों की जान चली गई। इस मामले में सरकार अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करे और पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके। Sambhal