सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के दौरान पुलिस फायरिंग और हिंसा में मुस्लिम युवक की मौत पर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने गहरी नाराजगी जताई। जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस घटना के लिए जहां प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है वहीं संभल जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सांप्रदायिक लोगों से मिलीभगत कर साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ भड़काऊ नारे लगाने वाले लोग भी थे। स्थिति को नियंत्रित करने के बजाय पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिससे चार युवकों की मौत हो गई।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को विश्वास में लिए बिना दूसरी बार सर्वे के लिए पहुंची टीम ने जांच की। पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ मस्जिद के पास सड़कों पर भड़काऊ नारे लगाने वाले लोग भी थे। यह सुनते ही मुस्लिम युवक घरों से बाहर निकल आए और टकराव की स्थिति पैदा हो गई। मौलाना मदनी ने आरोप लगाया कि स्थिति को नियंत्रित करने के बजाय पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिससे चार युवकों की मौत हो गई।
उन्होंने मांग की कि हिंसा के दौरान अपनी जिम्मेदारी न निभाने वाले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों तथा भड़काऊ नारे लगाकर भड़काने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। जमीयत के दूसरे गुट के अध्यक्ष और पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि भेदभावपूर्ण भी है। अगर कोई सरकार किसी समुदाय की जान और संपत्ति को कमतर समझती है, तो यह संविधान और कानून का उल्लंघन है। मौलाना मदनी ने कहा कि हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि मस्जिदों में मंदिर खोजने की कोशिश देश की शांति और सद्भाव के लिए खतरनाक है। Deoband News
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