सहारनपुर : गन्ना आयुक्त पीएन सिंह ने चीनी मिलों के गन्ना संरक्षण के आदेश जारी किए हैं। इसमें गन्ना मूल्य भुगतान में लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों के क्रय केंद्र कम कर दिए गए हैं। गन्ना आवंटन में क्रय केंद्र की चीनी मिल से दूरी, गन्ना मूल्य भुगतान और मिल की आवश्यकता आदि को गन्ना आवंटन का आधार बनाया गया है। इसमें सरसावा और नानोता चीनी मिलों के क्रय केंद्रों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर में 387 गन्ना क्रय केंद्र चीनी मिलों को आवंटित किए गए हैं। इसमें लंबे समय से बंद और पिछले सत्र में कम गन्ना आवंटन करने वाली टोडरपुर चीनी मिल को आठ और बिड़वी को 11 क्रय केंद्र दिए गए हैं। सहकारी क्षेत्र की सरसावा और नानोता में कोई बदलाव नहीं किया गया है। देवबंद को सात क्रय केंद्र मिले हैं, जबकि उसके पांच क्रय केंद्र काटकर दूसरी मिलों को दिए गए हैं। शेरमऊ मिल को तीन क्रय केंद्र मिले हैं और उसके सात क्रय केंद्र काटकर दूसरी मिलों को दिए गए हैं।
गांगनौली को कोई नया क्रय केंद्र नहीं मिला है, जबकि उसके चार क्रय केंद्र दूसरी मिलों को दे दिए गए हैं। गागलहेड़ी मिल के पांच क्रय केंद्रों में भी कटौती की गई है। चीनी मिलों के गन्ना क्रय केंद्रों में फेरबदल किया गया है। गन्ना सुरक्षा आदेश के तहत टोडरपुर मिल को गांगनौली से फतेहपुर, रंडौल, दाउदपुरा प्रथम व घानाखंडी तथा गागलहेड़ी चीनी मिल से तेलीपुरा नजीरपुर, पिकी, शेरपुर द्वितीय व बिहारीगढ़ क्रय केंद्र मिले हैं।
बिड़वी चीनी मिल को शेरमऊ से नसरुल्लागढ़, नारायणपुर, साहबमाजरा, जुड्डी नीची नकुड़, शुक्रताल व खारीबांस, गागलहेड़ी से दीपाखेड़ी प्रथम व लाखनौर द्वितीय, देवबंद से सिदपुरा प्रथम व सिदकी प्रथम क्रय केंद्र मिले हैं। देवबंद को तितावी मिल से कसौली द्वितीय तथा खतौली से नसीरपुर, रंडौल, मेघाखेड़ी प्रथम, मेघाखेड़ी द्वितीय क्रय केंद्र मिले हैं। नवसृजित ठीठकी व वयमपुर क्रय केन्द्र भी देवबंद को दे दिए गए हैं। शेरमऊ चीनी मिल को ऊन मिल के चौसाना द्वितीय, मयान कस्बे व अजीजपुर क्रय केन्द्र मिले हैं।
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