सहारनपुर : एक ओर जहां कोषागार विभाग पेंशन धारकों की हर साल जिंदा होने के लिए केवाईसी करा रहा है वहीं पैशन धारकों के परिजन उनकी मौत के बाद भी करोड़ों रूपये डकार रहे हैं। ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर का है जहां पेंशनधारक की मौत के बावजूद परिजन पेंशन की रकम खाते लेते आ रहे हैं। जनपद में 365 ऐसे नए मामले प्रकाश में आए हैं। केवाईसी से हुए खुलासे के बाद जिला कोषागार विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। आनन फानन में कोषागार विभाग स्वर्गवासी पेंशनधारकों के परिजनों से पेंशन की रकम को वसूली करने जुट गया है।
आपको बता दें कि तमाम सख्ती के बाद भी पेंशन के नाम पर फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अकेले जनपद सहारनपुर ऐसे करीब 365 मामले सामने आए हैं। जहां पेंशनधारक की मौत के बाद भी पेंशन की रकम ली जा रही है। स्वर्गवासी पेंशनधारकों के परिजन करोड़ों रूपये पेंशन लेकर खाते रहे हैं। जब मामले का खुलासा हुआ तो जिला कोषागार कार्यालय ने ऐसे परिजनों से एक करोड़ 21 लाख रुपये की वसूली कर चुका है। कई पेंशनधारकों के परिजन तो गोवा और मुंबई में रहकर मृतकों के खाते में आई पेंशन निकालते पाए गए। जिनसे अब वसूली की गई है।
दरअसल जनपद सहारनपुर में करीब 15 हजार पेंशनधारक हैं। जिनके खातों में जिला कोषागार के माध्यम से हर माह पेंशन की रकम भेजी जाती है। कोषागार विभाग पेंशनधारक की मौत होने पर परिजनों को सुचना देने को कहता रहता है जिससे मौत होने के बाद पेंशन धारक की पेंशन रोकी जा सके। बावजूद इसके मुफ्त में मिल रहे पैसे के लालच में कुछ परिजन पेंशन धारक की मौत की सुचना देने की बजाए उनकी पेंशन डकारते आ रहे हैं। विभागीय अधिकारीयों के मुताबिक़ जिले से करीब 365 ऐसे मामले पकड़े गए। जिसमें पेंशन धारक की मौत होने के बाद भी उनके खाते में हर महीने पेंशन जाती रही और परिजन एटीएम कार्ड के जरिए निकालते रहे।
मुख्य कोषाधिकारी सूरज कुमार ने बताया कि पिछले दिनों पेंशन धारकों को जिला कार्यलय पर बुलाकर उनकी केवाईसी कराई गयी है। केवाईसी में पेंशन धारक के फिंगरप्रिंट आदि लेकर उनके ज़िंदा होने की पुष्टि की जाती है। लेकिन जनपद में 365 ऐसे परिवार मिले जो मर्त्युपरांत पेंशन धारक के खाते से पेंशन की रकम निकाल रहे थे। जिसके बाद इन लोगों से वसूली के लिए लेखा-जोखा तैयार किया गया। जिससे पता चला कि स्वर्गवासी पेंशन धारकों के खाते 1 करोड़ 22 लाख रुपये भेजे जा चुके हैं।
कोषागार विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मृतकों के परिजनों को केस दर्ज कराने की चेतावनी दी। जिसके बाद अब तक 1 करोड़ 21 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है। हालांकि करीब एक लाख की वसूली अभी भी लंबित है। उन्होंने बताया कि कई ऐसे मामले सामने आए, जहां मृतक पेंशनर के परिवार वाले गोवा या मुंबई में रह रहे थे। जिसके चलते कोषागार विभाग ने गोवा और मुंबई के सबंधित बैंकों से पत्राचार कर उन परिजनों से वसूली की है। कुछ साल पहले कई लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था। पुलिस के डर से उन्होंने पेंशन की रकम विभाग को वापस कर दी।
मुख्य कोषाधिकारी सूरज कुमार ने बताया कि अधिकांश पेंशन धारक बुजुर्ग हैं। ऐसे में जिन लोगों ने पेंशन की रकम निकालने के लिए परिवार के सदस्य को नामित किया है, वे बैंक या कार्यालय नहीं आ पा रहे हैं। अगर पेंशन धारक की मौत हो जाती है तो नामित सदस्य से ही वसूली की जाएगी। पकडे गए ज्यादातर मामलों में नामित लोग ऐसे ही मिले हैं। अब तक करीब एक करोड़ 21 लाख की वसूली हो चुकी है। करीब एक लाख रुपये की वसूली बाकी है, जो जल्द ही वसूल ली जाएगी। अगर कोई पेंशन की रकम जमा नहीं करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।