सहारनपुर : एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे कर रही है वहीं सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल रही हैं बल्कि सरकारी दावों को भी पलीता लगा रहीं हैं। ताज़ा मामला पश्चमी उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर का है जहां जिला अस्पताल में सिटी स्कैन मशीन खराब होने से एक बच्चे को इलाज नहीं मिल पाया है। डॉक्टरों ने सिटी मशीन खराब होने की बात कहकर गंभीर रूप से घायल बच्चे को बिना इलाज के वापस भेज दिया। जबकि मासूम बच्चा दर्द से तड़पता रहा जिसके बाद हायर सेंटर रेफर किया गया है। जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिल पाने से परिजनों में रोष बना हुआ है।
आपको बता दें कि थाना सदर बाजार इलाके में एक मासूम बच्चा छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। बच्चे के सिर में गंभीर चोट आ गई। सिर में चोट लगने से बच्चे की हालत बिगड़ती देख परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने बच्चे के सिर का सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। जब परिजन बच्चे को लेकर सिटी स्कैन कक्ष में पहुंचे तो वहां मौजूद स्टाफ ने सिटी स्कैन मशीन खराब होने की बात कहकर वापस भेज दिया। सिर चोट आने से मासूम बच्चा दर्द के मारे तड़प रहा था तो वहीं परिजन इलाज कराने के लिए डॉक्टरों के आगे हाथपांव जोड़ते रहे। लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की और बालक को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया।
परिजनों का कहना है कि उनके पास सीटी स्कैन कराने के पैसे नहीं हैं। ऐसे में वे सिटी स्कैन कैसे कराएंगे। डॉक्टरों ने बच्चे से पीछा छुड़ाने के लिए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। उधर बच्चे को दर्द से तड़पता देख परिजन डॉक्टरों के चक्कर काटते रहे। डॉक्टरों ने उसे भर्ती तो कर लिया, लेकिन बच्चे का इलाज नहीं कर सके। जिला अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते मरीजों को सीटी स्कैन जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवा के लिए भटकना पड़ रहा है। सीटी स्कैन मशीन को ठीक कराने के लिए कई बार शासन को पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन क्रियान्वयन एजेंसी मशीन को ठीक नहीं करा रही है। वहीं, मरीजों को हर बार स्कैन के लिए बाहर जाना पड़ रहा है, जिससे न सिर्फ आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। Saharanpur News