सहारनपुर : सहारनपुर में 11 साल पहले हुई अधिवक्ता प्रमोद मित्तल के बेटे की हत्या के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या तीन प्रकाश तिवारी ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही सभी दोषियों पर 4.80 लाख का जुर्माना भी लगाया है। बेटे के हत्यारों को उम्र कैद मिलने पर परिजनों को थोड़ी राहत मिली है। हालांकि इस मामले में पांच लोग दोषी पाए गए थे जिनमें से दो दोषियों का फैसले से पहले निधन हो चुका है।
आपको बता दें कि कोतवाली मंडी इलाके के मोहल्ला दीनानाथ बाजार निवासी प्रमोद मित्तल सहारनपुर की कचेहरी में अधिवक्ता हैं। अधिवक्ता का 27 वर्षीय बेटा अंकित मित्तल लुधियाना की भूषण पॉवर एंड स्टील कंपनी में सहायक प्रबंधक था। अंकित ने पार्टनरशिप में लोकेश निवासी माधव विहार, नेत्रपाल, अजय, नरेंद्र और सुनील निवासी गदरहेड़ी थाना सरसावा के साथ कारोबार शुरू किया था। इस कारोबार में ये सभी आपस में बराबर के पार्टनर थे। Saharanpur
13 जनवरी 2013 कोअंकित मित्तल अचानक ग़ायब हो गया। अधिवक्ता प्रमोद मित्तल ने कोतवाली मंडी में बेटे अंकित की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। गुमसुदगी में अधिवक्ता ने बताया था कि उनका बेटा सुबह से लापता है। जो देर रात तक घर नहीं पहुंचा है। रिश्तेदारी में भी तलाश करने पर अंकित का कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने अंकित की तलाश में गहनता से छानबीन की तो मामले में लोकेश नेत्रपाल, अजय, नरेंद्र और सुनील का नाम सामने आया था। जिसके चलते पुलिस ने गुमशुदगी के मामले को हत्या में तरमीम कर दिया था। Saharanpur
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पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पुलिस ने लोकेश नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था। जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने अजय के खेत में दबे अंकित के शव को बरामदकर लिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अंकित की गला घोंटकर हत्या की गई थी। पुलिस ने लोकेश से सख्ताई के साथ पूछताछ की तो उसने न सर अपना गुनाह कबूल कर लिया बल्कि ह्त्या में शामिल सभी लोगों के नाम भी उगल दिए। लोकेश के मुताबिक़ अंकित की ह्त्या करने में पांच दोषी शामिल थे। दोषी लोकेश ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने अंकित के दो लाख रुपये देने थे। इसी के चलते अपने साथियों के साथ मिलकर गला घोंटकर हत्या करने के बाद शव को अजय के खेत में गड्ढा खोदकर दबा दिया था। Saharanpur
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पुलिस ने जांच के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या तीन प्रकाश तिवारी की अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। मामला अदालत में विचाराधीन था। इसी बीच नरेंद्र और सुनील का निधन हो गया था। अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर लोकेश, अजय और नेत्रपाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीनों पर अलग-अलग 1.60, 1.60, 1.60 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। Saharanpur
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