देहरादून : महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कुलपति को डिजिटली गिरफ्तार कर 1.47 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोपी के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। देहरादून पुलिस ने साइबर अपराधी को हिमाचल प्रदेश के सोलन से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पीड़ित कुलपति को न केवल व्हाट्सएप कॉल के ज़रिए 12 दिनों तक डिजिटली गिरफ्तार रखा, बल्कि उन्हें धमकाकर 1 करोड़ 47 लाख रुपये भी ठग लिए।
बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस के साइबर अपराध विभाग के नाम पर व्हाट्सएप कॉल पर पीड़ित सेवानिवृत्त कुलपति को डिजिटली गिरफ्तार कर साइबर ठगी की गई। साथ ही, साइबर ठगों ने बताया कि पीड़ित के नाम से खोले गए बैंक खाते में 60 करोड़ रुपये की रकम आ गई है और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। सेवानिवृत्त कुलपति को व्हाट्सएप कॉल पर डिजिटली गिरफ्तार कर यह कहकर बुलाया गया कि उनके सभी बैंक खातों का सत्यापन किया जाएगा और उन्हें डरा-धमकाकर व कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर अलग-अलग खातों में कुल 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिए गए।
दरअसल, नैनीताल निवासी पीड़ित सेवानिवृत्त कुलपति ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि अगस्त माह में महाराष्ट्र साइबर अपराध विभाग से होने का दावा करने वाले अज्ञात व्यक्तियों ने उनके नाम से खोले गए बैंक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 60 करोड़ रुपये का लेनदेन होने की बात कही थी। इसके लिए पीड़ित सेवानिवृत्त कुलपति को अपने खातों का सत्यापन कराने के लिए कहा गया, फिर उन्हें व्हाट्सएप कॉल पर डिजिटली गिरफ्तार कर लिया गया और 12 दिनों में धोखाधड़ी कर अलग-अलग खातों में 1.47 करोड़ रुपये जमा करा लिए गए। वहीं, पीड़ित की शिकायत पर पुलिस टीम ने मामले में बताए गए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया।
वहीं, पुलिस जांच में साइबर ठगी के मामले में राजेंद्र कुमार निवासी सोलन (हिमाचल प्रदेश) का नाम सामने आया था। जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई। इसी सिलसिले में आरोपी राजेंद्र कुमार को हिमाचल प्रदेश के सोलन से गिरफ्तार किया गया। उत्तराखंड एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी ने पीड़ित को बताया था कि वह महाराष्ट्र के साइबर अपराध विभाग का अधिकारी है। साथ ही, महाराष्ट्र में गिरफ्तार एक अन्य व्यक्ति के मामले में बताया गया कि पीड़ित के नाम से खोले गए केनरा बैंक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 60 करोड़ रुपये की रकम आई है।
आरोपी ने पीड़ित को व्हाट्सएप कॉल के जरिए लगातार संपर्क में रहने और किसी से संपर्क न करने की हिदायत दी थी। बैंक खातों का सत्यापन व्हाट्सएप कॉल पर ही करने को कहा गया था। इसके बाद, धोखाधड़ी के जरिए पीड़ितों से प्राप्त रकम को तुरंत दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। जिसके लिए आरोपी राजेंद्र कुमार अलग-अलग लोगों के खातों का इस्तेमाल करता था।
पीड़ित ने एक फर्म के बैंक खाते में 50 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। यह बैंक खाता अन्य व्यक्तियों के नाम से खोला गया था। आरोपी इन बैंक खातों का इस्तेमाल साइबर ठगी के लिए करता था। जून से अगस्त तक लाखों रुपये के लेन-देन हुए हैं। आरोपी राजेंद्र कुमार के पास से नेट बैंकिंग के लिए बैंक खाते में दर्ज मोबाइल नंबर, घटना के समय इस्तेमाल किया गया मोबाइल डिवाइस, वाई-फाई राउटर और बैंक खाते से संबंधित चेक तथा फर्म से जुड़े अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। Cyber Crime