उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह को एक बड़ी कंपनी का सीईओ नियुक्त किया गया

Retired Uttar Pradesh IAS officer Manoj Kumar Singh, Manoj Kumar Singh has been appointed CEO of a major company.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लेते हुए पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को राज्य परिवर्तन आयोग (एसटीसी) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। इस नियुक्ति का उद्देश्य राज्य की विकास योजनाओं को गति देना और नीतिगत सुधारों को मज़बूत करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एसटीसी को राज्य की आर्थिक प्रगति का प्रमुख इंजन बनाने के प्रयासों में यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह नियुक्ति अगले तीन वर्षों के लिए है। यह आदेश राज्य नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी किया गया।

मनोज कुमार सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के 1988 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। झारखंड के रांची निवासी सिंह योगी सरकार में एक “विश्वसनीय नौकरशाह” के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने गौतमबुद्ध नगर, पीलीभीत, मुरादाबाद, अलीगढ़ और ललितपुर जैसे जिलों में जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया है। कोविड-19 महामारी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में वायरस को नियंत्रित करने और ‘बीसी सखी’ योजना (डोरस्टेप बैंकिंग) को लागू करने में उनकी भूमिका सराहनीय रही। स्वच्छ भारत अभियान के तहत राज्य के सभी 75 जिलों को खुले में शौच मुक्त घोषित करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

जुलाई 2024 में वे मुख्य सचिव बने, जहाँ उन्होंने कृषि उत्पादन आयुक्त, औद्योगिक विकास आयुक्त और पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव के रूप में विभिन्न जिम्मेदारियाँ निभाईं। सेवानिवृत्ति के बाद यह नई ज़िम्मेदारी उन्हें राज्य परिवहन निगम (एसटीसी) के माध्यम से राज्य के परिवर्तनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी। उत्तर प्रदेश राज्य परिवर्तन आयोग क्या है: राज्य परिवर्तन आयोग उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख नीतिगत थिंक टैंक है, जिसकी स्थापना केंद्र सरकार के नीति आयोग की तर्ज पर की गई है। यह अगस्त 1972 में स्थापित राज्य योजना आयोग का पुनर्गठित संस्करण है। सितंबर 2022 में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित, आयोग का उद्देश्य राज्य की विकास योजनाओं को अधिक लचीला, प्रभावी और परिणामोन्मुखी बनाना है।

जहाँ पुराना योजना आयोग पंचवर्षीय योजनाओं पर केंद्रित था, वहीं अब एसटीसी नीति निर्माण, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, जिला-स्तरीय योजना समितियों के साथ समन्वय और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने पर केंद्रित है। आयोग की संरचना में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके अध्यक्ष हैं। इसके सदस्यों में वित्त, कृषि, समाज कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास, जल शक्ति, शहरी विकास और नियोजन विभागों के पदेन मंत्री/राज्य मंत्री शामिल हैं। उपाध्यक्ष एक अनुभवी प्रशासक, शिक्षाविद या विशेषज्ञ होता है जिसे मुख्यमंत्री द्वारा तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए नामित किया जाता है, जिसे विशेष परिस्थितियों में दो वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकता है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयोग के दैनिक कार्यों, नीति कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिम्मेदार होता है।

एसटीसी की प्रमुख ज़िम्मेदारियाँ क्या हैं? राज्य की वार्षिक योजनाओं का मूल्यांकन, निवेश आकर्षित करने के लिए रोडमैप तैयार करना, जिला योजना समितियों को सशक्त बनाना और डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देना। 2024 में पारित उत्तर प्रदेश जिला योजना समिति (संशोधन) विधेयक के तहत, एसटीसी अब स्थानीय परियोजनाओं में और अधिक सक्रिय भूमिका निभा रही है, जिसमें दो ग्राम प्रधानों को सदस्य नियुक्त करना भी शामिल है। आयोग एमएसएमई प्रोत्साहन नीति और जैव ऊर्जा नीति जैसे क्षेत्रों में योगदान दे रहा है, जिससे वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023 की सफलता में योगदान मिल रहा है।

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