अयोध्या राम मंदिर : पिछले कुछ दिनों से अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंच रही है। बुधवार को विभिन्न कारणों से तबीयत बिगड़ने पर चार श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया। आनन फानन में उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा 12 अन्य श्रद्धालु घायल होने पर अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं।
आपको बता दें कि बुधवार दोपहर तक 14 श्रद्धालु मेडिकल कॉलेज पहुंच चुके हैं। इनमें श्रावस्ती के कैलाशपुर निवासी संगम (80) और बस्ती के बांसा निवासी आलोक को पहुंचते ही मृत घोषित कर दिया गया। मृतक संगम के परिजनों ने बताया कि वह दर्शन के लिए जा रहे थे, इसी बीच अचानक रक्तचाप बढ़ने से उनकी हालत बिगड़ गई। वहीं मृतक आलोक कुमार दुर्घटना में घायल होने पर पहुंचे थे। उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
खजुरहट प्रतिनिधि के अनुसार हैदरगंज थाना क्षेत्र के रमवाकला निवासी सोना देवी (50) प्रयागराज महाकुंभ में जाने के लिए मंगलवार की शाम परिजनों व गांव के कुछ लोगों के साथ खजुरहट रेलवे स्टेशन पहुंची थी। ट्रेन आने पर भीड़ के कारण वह ट्रेन में नहीं चढ़ सकी। इसी बीच उसे अचानक चक्कर आने लगा और उसकी हालत बिगड़ने लगी और वह बेहोश हो गई। साथ में मौजूद लोगों ने एंबुलेंस से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकापुर पहुंचाया।
जांच के बाद डॉ. धर्मेंद्र रंजन ने उसे मृत घोषित कर दिया। बीकापुर प्रतिनिधि के अनुसार अयोध्या दर्शन करने आ रही भोपाल निवासी रुक्मणी (45) की बुधवार की सुबह चौरे बाजार के पास अचानक तबीयत खराब हो गई। परिजन उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकापुर ले गए। जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा अशोक नगर मध्य प्रदेश निवासी 48 वर्षीय गायत्री, यहीं की पिंकी (25) व बैजंती (40), आयुष (81), रचना (30), डेन (12), सुगना (42) निवासी बल्लापुर मध्य प्रदेश व मान सिंह (54) निवासी खेरिया आदि घायल होकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे हैं।
अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। इसको लेकर सभी अस्पताल पहले से ही अलर्ट पर हैं। लेवल थ्री अस्पताल होने के कारण मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले घायल श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है। इसे देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने तैयारियां पुख्ता कर ली हैं। प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने बताया कि इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में सभी आधुनिक उपकरण, जीवन रक्षक दवाएं, स्ट्रेचर, व्हीलचेयर आदि पर्याप्त मात्रा में रखे गए हैं।
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को हर समय मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं। भविष्य में बढ़ती भीड़ या किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए बर्न वार्ड के दोनों तलों पर 35 बेड और पुरानी बिल्डिंग में 45 बेड आरक्षित किए गए हैं। प्रत्येक आईसीयू बेड पर एक टेक्नीशियन की ड्यूटी लगाई गई है।
सीटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जांच 24 घंटे करने के निर्देश दिए गए हैं। गंभीर मरीजों के लिए बेड साइड एक्स-रे की सुविधा भी संचालित की जा रही है। श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने व्यवस्थाएं पुख्ता कर दी हैं। 50 बेड वाले इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में सात आईसीयू बेड लगाए गए हैं। साथ ही बर्न वार्ड व पुरानी बिल्डिंग में 80 और बेड आरक्षित किए गए हैं।