नई दिल्ली : राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के एक सांसद की बेंच पर नोटों का बंडल मिलने के बाद हंगामा खड़ा हो गया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को इस मुद्दे की जानकारी दी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे जब इस मुद्दे पर बोलने के लिए खड़े हुए तो सत्ता पक्ष के लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके बाद खड़गे भड़क गए और कहा कि आप इस तरह का ओछा काम करके देश को बदनाम कर रहे हैं।
राज्यसभा में नोटों का बंडल मिलने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई है। कल सदन की बैठक खत्म होने के बाद राज्यसभा में सीट नंबर 222 पर नोटों का बंडल मिला था। वह सीट कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी के नाम पर आवंटित है।
दरअसल सभापति धनखड़ ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नियमित तोड़फोड़ विरोधी जांच के दौरान नोटों का बंडल बरामद हुआ है। उन्होंने बताया कि यह सीट 222 नंबर पर मिली है, जो कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है। वह 2024-26 के लिए तेलंगाना से राज्यसभा सांसद हैं। जब खड़गे इस मुद्दे पर बोलने के लिए खड़े हुए तो धनखड़ ने उन्हें चेतावनी दी कि वे नोटों के बंडल के मुद्दे पर ही बोलें।
जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मलिक्कार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे पता है कि अगर मैं किसी अन्य मुद्दे पर बोलूंगा तो आप मुझे बोलने नहीं देंगे। मेरा केवल इतना अनुरोध है कि जब तक मामले की जांच चल रही है, तब तक उस व्यक्ति का नाम न बताया जाए जिसकी सीट से बंडल मिला है। खड़गे के इस बयान पर सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा मच गया। तब खड़गे अपना आपा खो बैठे और कहा कि आप सब झूठे हैं, क्या हम ऐसा कर सकते हैं। आप इस तरह का ओछा काम करके देश को बदनाम कर रहे हैं। Rajya Sabha
वहीं सत्ता पक्ष की ओर से केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि किसी पर इतनी तीव्रता दिखाना और किसी मुद्दे को दबाना ठीक नहीं है। हमारे विपक्षी नेता वरिष्ठ नेता हैं। मैं उनसे उम्मीद कर रहा था कि जांच होनी चाहिए और ठीक से होनी चाहिए। मैं भी वकील हूं। सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए।
इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि “मैं 500 रुपये लेकर संसद जाता हूं। मैं कल 12:57 बजे संसद गया और 1 बजे निकला। कल मैं 1:30 बजे तक संसद कैंटीन में था।”
उधर भाजपा सांसद एवं राष्ट्रिय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि “यह घटना बहुत असाधारण घटना है और बहुत गंभीर है। यह घटना सत्ता पक्ष और विपक्ष में बंटने की नहीं है। यह सदन की गरिमा पर हमला है। लोकतंत्र में कुछ चीजें आपके पक्ष में आती हैं और कुछ विपक्ष में जाती हैं।” Rajya Sabha
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