वाराणसी : कांग्रेस नेता और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी द्वारा भगवान राम को लेकर एमपी एमएलए कोर्ट में दिए गए बयान की पोषणीयता पर बहस हुई। कोर्ट ने इस संबंध में दोनों पक्षों को सुना। कोर्ट की अगली तारीख 27 मई तय की गई है। इसमें पांच साल की सजा का प्रावधान है।
अधिवक्ता हरि शंकर पांडेय ने 12 मई को वाराणसी के एमपी एमएलए कोर्ट में एसीजेएम चतुर्थ में राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसमें दावा किया गया था कि राहुल गांधी 21 अप्रैल को अमेरिका के बोस्टन पहुंचे थे। यहां ब्राउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ एक सत्र में राहुल गांधी ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया था। अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कहा कि राहुल गांधी राम द्रोही हैं और उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाकर देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट से मांग की है कि राहुल गांधी के बयान पर केस दर्ज किया जाए। जिसको लेकर सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायालय के एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बताया कि पांच मई 2025 को अखबार के माध्यम से पता चला कि राहुल गांधी ब्राउन यूनिवर्सिटी गए थे। जहां उन्होंने श्री राम को मनगढ़ंत काल्पनिक पत्र बताकर अभद्र टिप्पणी की। जिस पर 12 मई को कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया। कोर्ट से 19 तारीख को मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई करने को कहा गया। कोर्ट ने आज सारी बातें सुनी।
कोर्ट ने कहा कि 27 तारीख को मेंटेनेबिलिटी पर हमारा फैसला आएगा। फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। 27 तारीख को राहुल गांधी को नोटिस भेजा जाएगा, उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा। हरिशंकर ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता में दोषी पाए जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है, वह उन्हें मिले। हरिशंकर पांडेय ने कहा कि महात्मा गांधी भी राम को मानते थे हरिश्चंद्र पांडेय ने कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका यात्रा के दौरान भगवान राम को काल्पनिक और पौराणिक व्यक्ति बताया था। ब्राउन यूनिवर्सिटी में एक संवाद के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि भगवान राम समेत सभी भारतीय देवता पौराणिक हैं। MP Rahul Gandhi
नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया News 14 Today के Facebook पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें...