चंडीगढ़, 3 जनवरी। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां बताया कि राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुकाबले चालू वित्तीय वर्ष के दौरान दिसंबर तक वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी) से राजस्व में शुद्ध 16.52 प्रतिशत की वृद्धि दर और आबकारी से राजस्व में 10.4 प्रतिशत वृद्धि हासिल की है।
यहाँ जारी प्रैस बयान में यह प्रगटावा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में दिसंबर तक शुद्ध जी.एस.टी. 15523.74 करोड़ रुपए रहा, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 की इसी समय सीमा के दौरान 13322.59 करोड़ रुपए था। उन्होंने कहा कि इस तरह इस वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक जी.एस.टी प्राप्त करने में 2201.15 करोड़ रुपए की शुद्ध वृद्धि दर्ज की गई।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिसंबर तक आबकारी से राजस्व 6050.7 करोड़ रुपए था, जब कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान यह बढक़र 6679.84 करोड़ रुपए हो गया। उन्होंने कहा कि बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस वर्ष के आबकारी से प्राप्त राजस्व में 629.14 करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज की गई।
राज्य के अपने कर राजस्व के आंकड़ों का खुलासा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुकाबले चालू वित्तीय वर्ष के दौरान दिसंबर तक वैट, सी.एस.टी, जी.एस.टी, पी.एस.डी.टी और आबकारी से प्राप्त कुल राजस्व में 14.15 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है। उन्होंने कहा कि वैट, सी.एस.टी और पी.एस.डी.टी से राजस्व प्राप्ति में क्रमवार 12 प्रतिशत, 26.8 प्रतिशत और 5.24 प्रतिशत की विकास दर हासिल की गई। उन्होंने कहा कि पिछले 9 महीनों के दौरान राज्य का कुल अपना कर राजस्व 27931.16 करोड़ रुपए रहा, जो वर्ष 2022 की इसी समय सीमा के दौरान 24468.14 करोड़ रुपए था।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य को विकास और खुशहाली के ऊँचे शिखर तक ले जाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए बड़े सुधार राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान अपने कर राजस्व में शानदार वृद्धि दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में विकास दर को बरकरार रखने के लिए ईमानदार करदाता की हर संभव मदद करते हुए और टैक्स चोरों एवं गैर-कानूनी शराब के धंधे पर नकेल कसने के लिए कई अन्य सुधार अपनाए जा रहे हैं।