सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। सहारनपुर की जिला कारागार अधिकारियों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी की रिहाई का राष्ट्रपति के नाम आदेश पहुंचा। वरिष्ठ जेल अधीक्षक को शक हुआ तो उन्होंने राष्ट्रपति के नाम से आये आदेश की जांच कराई तो कारागार अधिकारी हैरान रह गए। जांच में पता चला कि यह आदेश फर्जी है। जिला जेल में बंद हत्या के आरोपी की रिहाई के लिए राष्ट्रपति के नाम फर्जी आदेश भेजने के मामले में जनकपुरी थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक सत्यप्रकाश ने बताया कि अजय नाम का कैदी हत्या के एक मामले में जिला जेल में बंद है। मामला अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में विचाराधीन है। इसी बीच जिला जेल प्रशासन को राष्ट्रपति न्यायालय के नाम से एक पत्र मिला, जिसमें हत्या के आरोपी अजय को रिहा करने का आदेश दिया गया। जिला जेल प्रशासन को शक हुआ और जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि यहां राष्ट्रपति न्यायालय है ही नहीं। जिसके बाद फर्जी आदेश भेजने के मामले की शिकायत थाना जनकपुरी में की गई।
अजय हत्या के एक मामले में जिला जेल में बंद हैइसका मामला अपर सत्र न्यायाधीश की अदालतमें विचाराधीन है। इसी बीच जिला जेल प्रशासन कोराष्ट्रपति कोर्ट के नाम एक पत्र मिला, जिसमें हत्याके आरोपी अजय की रिहाई का आदेश था।
एसपी सिटी वियोम बिंदल ने बताया कि किसी ने फर्जी रिहाई आदेश बनाकर जेल प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश की है। मामला गंभीर होने पर उच्चाधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई। जेल अधीक्षक की तहरीर के आधार पर जनकपुरी थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। फर्जी आदेश कहाँ से और किसने भेजा है उसकी जांच कराई जा रही है। जांच उपरान्त उचित कार्यवाई की जायेगी।
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