आपको बता दें कि 7 फरवरी 2025 को तत्कालीन जेलर प्रशांत उपाध्याय ने संदिग्ध पत्र के आधार पर जनकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पत्र में लिखा था कि जिला कारागार में बंद हत्या के आरोपी अजय को राष्ट्रीय विशेष न्यायालय राष्ट्रपति भवन के आदेशानुसार समय से पहले रिहा किया जाए। यह पत्र जेल प्रशासन को डाक के जरिए प्राप्त हुआ था। जेल अधीक्षक सत्य प्रकाश सिंह को पत्र की वैधता पर संदेह हुआ।
उन्होंने कैदी अजय से जुड़ी तमाम जानकारियां खंगाली, लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि राष्ट्रपति भवन से आदेश जारी हुआ है। जांच में पाया गया कि यह पत्र पूरी तरह फर्जी है। किसी ने कैदी की रिहाई के लिए धोखाधड़ी का प्रयास किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जनकपुरी थाना पुलिस ने इसकी जांच की। शनिवार को पुलिस ने फर्जी पत्र भेजने वाले आरोपी ईश्वर चंद शर्मा निवासी सलौनी पीर देवबंद को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस साजिश में और कौन-कौन शामिल था। Saharanpur News