
पीएम मोदी ने लिखा कि इस महाकुंभ में देशभर से श्रद्धालु जुटे, जिसमें संत, महात्मा, बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और युवा शामिल थे। उन्होंने इसे भारत की एकता और सद्भाव का प्रतीक बताया और कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के दौरान लिए गए ‘ईश्वर भक्ति से देशभक्ति’ के संकल्प को इस महाकुंभ में मूर्त रूप मिला।
पीएम मोदी ने आयोजन की भव्यता की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया में ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है, जहां बिना औपचारिक आमंत्रण के इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हों। उन्होंने महाकुंभ के दौरान आए करोड़ों लोगों की सुविधाओं का ख्याल रखने वाले प्रशासन, सफाई कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों, नाविकों और प्रयागराज के स्थानीय निवासियों की सेवा भावना की भी प्रशंसा की।

महाकुंभ के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिकआयोजन को एकता का महाकुंभ बताया और अपने ब्लॉग में लिखाकि बिना किसी औपचारिक आमंत्रण या सूचना के करोड़ों श्रद्धालु इस आयोजन में पहुंचे।
आखिर में पीएम मोदी ने महाकुंभ की तुलना श्रीकृष्ण द्वारा माता यशोदा को ब्रह्मांड दर्शन देने से की और कहा कि इस महाकुंभ में दुनिया ने भारत की असली ताकत देखी। उन्होंने यह भी बताया कि वे जल्द ही श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करेंगे और भारत की समृद्धि और एकता के लिए प्रार्थना करेंगे। Mahakumbh 2025