मुज़फ्फरनगर : मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान नंगला मंदौड़ में हुई पंचायत के मामले में डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद, कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह समेत 12 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। सिविल जज सीनियर डिवीजन/स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी देवेंद्र सिंह फौजदार ने अगली सुनवाई 29 अक्तूबर तय की है। मुज़फ्फरनगर में हुई जातीय हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए थे जबकि हजारों परिवार घर से बेघर हो गए थे। लबे समय तक दंगा पीड़ितों को राहत शिविरों में रहना पड़ा था।
आपको बता दें कि सितम्बर 2013 में मुज़फ्फरनगर में साम्प्रदायिक दंगा भड़क गया था। इस दंगे में शामली-मुज़फ्फरनगर के सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी जबकि बड़ी संख्या में परिवार घर से बेघर हो गए थे। थाना जानसठ इलाके के गाँव कवाल में युवती से छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसके समुदाय विशेष से तालुक रखने वाले आरोपियों ने युवती के भाई और साथी को पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। तत्कालीन अखिलेश यादव की सरकार के मंत्री आज़म खान ने सभी आरोपियों को छुड़वा दिया था। जिसके बाद नंगला मंदौड़ इंटर कॉलेज के मैदान में 31 अगस्त 2013 को महापंचायत आयोजित हुई थी। Muzaffarnagar News
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पंचायत के मामले में तत्कालीन एडीएम प्रशासन की ओर से 21 आरोपियों के खिलाफ धारा 188 के तहत परिवाद दायर किया गया था। सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान, सपा सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, बिट्टू सिखेड़ा, श्यामपाल, पूर्व विधायक उमेश मलिक, यशपाल पंवार और साध्वी प्राची कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने आरोपी पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व मंत्री अशोक कटारिया, शिव कुमार, पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, कल्लू, योगेश, मिंटू की हाजिरी माफी की अर्जी खारिज कर गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। इसके अलावा कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, यति नरसिंहानंद, सचिन और रविंद्र के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। Muzaffarnagar News
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