मुजफ्फरनगर : मीरापुर से राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की नवनिर्वाचित विधायक मिथलेश पाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पांच साल पुराने मामले में विधायक मिथलेश पाल समेत 14 अन्य के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय कर दिए गए हैं। इनके खिलाफ दंगा भड़काने और बंधक बनाने समेत अन्य धाराओं में आरोप तय किए गए हैं। यातायात बाधित करने के एक मामले में विधायक मिथलेश पाल समेत 14 अन्य लोग शुक्रवार को विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए।
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 03 जनवरी 2025 तय की है। कोर्ट के सूत्रों ने बताया कि विशेष न्यायाधीश देवेंद्र सिंह फौजदार ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों के साथ दंगा) और 342 (बंधक बनाना) के तहत आरोप तय किए। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 03 जनवरी 2025 तय की है। मिथलेश पाल के वकील किरणपाल ने बताया कि 25 फरवरी 2019 को सिविल लाइंस थाने में विधायक समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।
उपचुनाव में मीरापुर से चुनी गईं विधायक
हाल ही में उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में मिथलेश पाल राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़कर मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से विधायक चुनी गईं, जिसका नतीजा 23 नवंबर को आया। मिथलेश पाल ने 2012 का विधानसभा चुनाव भी मीरापुर सीट से रालोद के टिकट पर लड़ा था। 2012 के विधानसभा चुनाव में मिथलेश पाल दूसरे नंबर पर रहीं थीं। चुनाव में बसपा के जमील अहमद कासमी ने उन्हें हराया था।
उन्होंने 2017 में मीरापुर सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार भी वह चुनाव नहीं जीत पाईं, उन्हें चुनाव में भाजपा के अवतार सिंह भड़ाना ने हराया था। मिथलेश पाल जानसठ रोड के पास भारतीय कॉलोनी की रहने वाली हैं। मीरापुर विधायक चुने जाने के बाद मिथलेश पाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। Mithlesh Pal MLA
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